गहलोत का चला जादू , ये छः विधायक बिना शर्त हुए कांग्रेस में शामिल!


हालाँकि यह ख़बर देर सवेर आनी ही थी कि बसपा के सभी विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए बिलकुल यही ख़बर 2008 में भी आयी थी जब गहलोत सरकार को समर्थन देते हुए बसपा के सभी विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे!

लेकिन इस बार जब यह ख़बर आयी तो अवसाद में पड़ी कांग्रेस में हल्की सी हरकत तो पूरी होगी की एक ऐसे दौर में जब कांग्रेस को लोग छोड़ छोड़कर जा रहे हैं उस समय छह विधायक राजस्थान में कांग्रेस में शामिल हो गए!

हालाँकि सरकार और सत्ता को देखकर किसी भी पार्टी में शामिल होना कोई वैसी बात नहीं है!


सभी छह विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष CP जोशी को विलय पत्र सौंप दिया है!

इनमें करौली से लाखन मीणा किशनगढ़ बांस से दीपसिंह खेरिया उदयपुरवाटी से राजेंद्र गुढ़ा तिजारा से संदीप यादव वाजिब अली और जोगेंद्र सिंह अवाना शामिल हैं!

दरअसल राज्य में होने वाले निकाय चुनावों और विधानसभा के उपचुनाव से पहले सभी बसपा के छह विधायकों का कांग्रेस में शामिल होना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की एक कूटनीतिक जीत माना जा रहा है!

पायलट गहलोत की लड़ाई में नया मोड़

दरअसल जबसे सरकार बनी है राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच में कोल्ड वार जारी है!

कभी सचिन पायलेट इशारों ही इशारों में सरकार को घेरते नज़र आते हैं तो वहीं बीच बीच में अशोक गहलोत बिलकुल इस तरह की कूटनीतिक चाल चल कर सचिन पायलट को राजनीतिक अखाड़े में पसारते रहते हैं! लड़ाई चूँकि सत्ता की है इसलिए इसके ख़त्म होने के आसार अब कम ही हैं!

राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार अपने एक साल पूरे करने वाली है तब ही गहलोत का यह काम हाई कमान की नज़रों में उनके अंक बढ़ाएगा ही!

सवाल यह है कि बहुजन समाज पार्टी में शामिल होकर चुनाव जीतने वाले विधायक देर सवेर कांग्रेस में ही आना चाहते हैं और यह बाद जनता को भी पता है तो फिर उन्हें वहाँ की जनता विकल्प के तौर पर देखती ही क्यूँ है! क्या बसपा के पास अब कोई जीतकर विचारधारा बची भी है या नही!

सवाल पर बोहोत है लेकिन इस वक़्त राजस्थान कांग्रेस में ख़ुशी है!

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