महाराष्ट्र के राज्यपाल को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए, रहने का अधिकार नहीं है – गहलोत


आज राजधानी जयपुर में संविधान दिवस के अवसर पर एक सभा के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने मीडिया से बात की-

सवाल : सर सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट के लिए कहा है…

जवाब : सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है, जो भी दिया है, जैसा भी दिया है वह तो सब को मानना ही है, कल फ्लोर टेस्ट करने को कहा है उसका इंतजार कीजिए सब लोग, बाकि जिस रूप में हत्या की गई है रात को अंधेरे के अंदर उसको यह देश कभी भूलेगा नही और बहुत अनफॉर्चूनेट हैं, condemn करने योग्य है जो मैं पहले भी कह चुका हूं आपको, ऐसा आज तक इतिहास में कभी हुआ नहीं कब तो रिकमेंड किया गवर्नर साहब ने रात को,

 कब कैबिनेट की मीटिंग हुई या नहीं हुई मैंने सुना है कि प्रधानमंत्री जी ने अपना विशेषाधिकार काम में लिया और राष्ट्रपति महोदय को रिकमेंड कर दिया, राष्ट्रपति महोदय ने कब साइन किए देश को पता नहीं, सुबह 5:47 पर राष्ट्रपति शासन समाप्त कर दिया गया और शपथ दिला दी गई, यह तमाशा जो हुआ वह देश नहीं पूरी दुनिया देख रही है और मैं समझता हूं इससे दुनिया के मुल्कों के अंदर हमारे देश की प्रतिष्ठा गिरी है, इस प्रकार हिंदुस्तान में ऐसी बातें भी होती है।

मैं उम्मीद करता हूं अब न्याय मिलेगा और आप खुद देखेंगे कल जो है इनको शिकस्त मिलेगी, सारे हथकंडे इनके फेल होंगे, हॉर्स ट्रेडिंग की इनकी जो कल्पना थी, जो सपना था वह चकनाचूर हो जाएगा यह मेरा मानना है।

सवाल : गुप्त मतदान से मना कर दिया है, ओपन होगा, लाइव होगा सबके बीच में लाइव टेलीकास्ट होगा, 5:00 बजे तक शपथ दिलाने को कहा है….

जवाब : वह तो अच्छी बात है, वह तो अच्छी बात है उसका वेलकम करना चाहिए।

सवाल : सर गवर्नर पर आपने भी सवाल उठाए हैं और सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला है वह कहीं ना कहीं यही इंगित करता है कि गवर्नर का जो फैसला….

जवाब : राज्यपाल महोदय को तो रहने का अधिकार ही नहीं है, इस पद पर महाराष्ट्र के राज्यपाल महोदय को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए, रहने का अधिकार नहीं है जिस रूप में उन्होंने बीजेपी के दबाव में, सरकार के दबाव में, प्रधानमंत्री और अमित शाह जी के दबाव में जो काम किया है ऐसे व्यक्ति को राज्यपाल पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है यह मैं मानता हूं।

सवाल : आज संविधान दिवस भी है…

जवाब : संविधान दिवस पर संविधान की जो 2 दिन पहले जो धज्जियां उड़ाई गई है वह पूरा मुल्क देख रहा है जो सत्ता पक्ष वाली पार्टी है वह पार्टी अगर ऐसे हथकंडे अपनाएगी देश के लिए तो क्या लोग सोचेंगे उनके बारे में।

सवाल : गहलोत साहब आपने एक बड़ी बात कही देरी से मिलने वाला न्याय न्याय नहीं होता...

जवाब : देखिए यह तो पूरे मुल्क के हालात बड़े विकट है और जो केस की संख्या बढ़ती जा रही है लाखों केसेज पेंडिंग है, लोगों को समय पर न्याय मिलता नहीं है और जब समय पर न्याय नहीं मिलता है तो न्याय नहीं मिलने के बराबर होता है, इसके लिए केंद्र सरकार को भी सोचना पड़ेगा, राज्य सरकारे सहयोग करेगी पूरे मुल्क के अंदर पर केंद्र को आगे आकर के सिस्टम में कोई कमी,

खामी है दूर करना चाहिए क्योंकि आज लाखों केसेज, अगर राजस्थान में जुडिशरी में तीन लाख से, 17 लाख से ज्यादा केस हो सकते हैं तो आप सोच सकते हैं कि पूरे देश में क्या स्थिति बनी हुई है, यह बहुत चिंताजनक स्थिति है मैं समझता हूं कि समय आ गया है कि कोई तरीका ऐसा निकले कि तमाम पॉलिटिकल पार्टी वाले मिलकर के, बैठ करके बातचीत करें और इसका हल करें जिससे कि लोगों को समय पर न्याय मिल सके।

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