जानिए पूरे मामले पर क्या कहना है निज़ामुद्दीन मरकज़ का!

दिल्ली के हज़रत निज़ामुद्दीन में स्थित तब्लीगी जमात के मरकज़ प्रशासन ने मौजूदा हालात पर 31 मार्च को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अपना पक्ष रखा है।

प्रेस रिलीज़ में मरकज़ प्रशासन का कहना है कि,

मरकज़ निज़ामुद्दीन करीब 100 साल से तब्लीगी जमात का अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय है। यंहा पूरी दुनिया से  आगंतुक, अतिथि, भक्त, उपासक 3-5 दिनों तक चलने वाले पूर्व-निर्धारित कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए आते रहते हैं। दूर-दराज के स्थानों से आने वाले आगंतुकों की  भागीदारी की वजह से मरकज़ के सभी कार्यक्रमों को एक साल पहले ही तय कर दिया जाता है।

जब माननीय प्रधानमंत्री ने 22 मार्च 2020 के लिए “जनता कर्फ्यू” की घोषणा की तो मरकज़ निजामुद्दीन में चल रहे सभी कार्यक्रमो को तुरंत बंद कर दिया गया.

21 मार्च 2020 को ही देश भर में रेल सेवाओं के अचानक रद्द हो जाने के कारण आगंतुकों का एक बड़ा समूह जो रेलवे के रास्ते से प्रस्थान करने वाला था उसे मजबूरी में मरकज़ में ही रुकना पढ़ा.

22 मार्च 2020 को मरकज़ में सभी ने “जनता कर्फ्यू” का पालन किया और प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार सभी आगंतुकों को सलाह दी गई कि रात 9 बजे तक कोई भी बाहर नहीं निकले।

जनता कर्फ्यू का पालन रात 9 बजे तक करना था लेकिन उससे पहले ही दिल्ली के माननीय मुख्यमंत्री ने 23 मार्च 2020 को सुबह 6 बजे से शुरू होकर 31 मार्च 2020 तक दिल्ली में लॉक डाउन की घोषणा कर दी।

जिससे इन आगंतुकों के अपने घर जाने की यात्रा बहुत मुश्किल हो गई। इस चुनौतीपूर्ण स्थिति के बावजूद, मरकज़ प्रशासन की मदद से जो भी साधन उपलब्ध हुए उनसे लगभग पंद्रह सौ आगंतुकों ने निज़ामुद्दीन मरकज़ को छोड़ दिया।

23 मार्च की शाम को, माननीय प्रधानमंत्री द्वारा अचानक से देशव्यापी लॉक डाउन की घोषणा कर दी गई और लोगों को जो जंहा है वंही रहने का स्पष्ट संदेश दिया गया।

ऐसी विकट परिस्थितियों में मरकज़ निज़ामुद्दीन के पास कोई विकल्प नहीं था। इसलिए फंसे हुए आगंतुकों को निर्धारित चिकित्सा सावधानियों के साथ परिस्थितियों के अनुकूल हो जाने तक मरकज़ में ही रुकने की व्यवस्था की गई।

24 मार्च 2020 को पुलिस स्टेशन के SHO द्वारा अचानक हजरत निजामुद्दीन मरकज परिसर को बंद करने का एक नोटिस जारी किया गया।

24 मार्च 2020 को ही मरकज़ प्रशासन द्वारा उस नोटिस का जवाब दिया गया, जिसमें कहा गया था कि मरकज़ को बंद करने के निर्देशों का पालन किया जा रहा है और पिछले कुछ दिन में लगभग 1500 लोगों को उनके घर भेज दिया गया है।

अभी मरकज़ में विभिन्न राज्यों और देशों के लगभग 1000 आगंतुकों को रखा गया है। जिनको भेजने के लिए संबंधित (एलडी) एसडीएम से वाहन पास जारी करने का अनुरोध किया गया है, ताकि शेष लोगों को दिल्ली के बाहर उनके मूल स्थानों पर वापस भेजा जा सके।

यहां यह इंगित करना प्रासंगिक है कि ड्राइवरों के नाम और वाहन पंजीकरण संख्या के साथ 17 वाहनों की सूची और साथ ही उनके लाइसेंस का विवरण (एलडी) एसडीएम को प्रस्तुत किए गए थे ताकि फंसे हुए आगंतुकों / मेहमानों को उनके गंतव्य की ओर रवाना किया जा सके। अपेक्षित अनुमति अभी भी प्रतीक्षित है।

25 मार्च 2020 को, तहसीलदार ने मेडिकल टीम के साथ निज़ामुद्दीन मरकज़ का दौरा किया, जिसमें मरकज़ प्रशासन ने उनका पूर्ण सहयोग किया। निरीक्षण के दौरान आगंतुकों की सूची तैयार की गई और बहुत सारे लोगों की मेडिकल जांच भी उनके द्वारा की गई।

26 मार्च 2020 को (एलडी) एसडीएम ने मरकज़ निजामुद्दीन का दौरा किया और हमें (एलडी) डीएम के साथ आगे की बैठक के लिए बुलाया। हम डीएम से मिले और उन्हें फंसे हुए आगंतुकों से अवगत कराया और एक बार फिर हमारे द्वारा जिन वाहनों की व्यवस्था की गई थी उनकी अनुमति मांगी।

अगले दिन, यानी 27 मार्च 2020 को, छह लोगों को चिकित्सा जांच के लिए ले जाया गया।

28 मार्च 2020 को, (एलडी) एसडीएम और डब्ल्यूएचओ की टीम ने मरकज़ का दौरा किया और 33 लोगों को राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में मेडिकल चेकअप के लिए ले जाया गया। आश्चर्यजनक रूप से उसी दिन एसीपी लाजपत नगर के कार्यालय द्वारा, एक ओर नोटिस जारी किया गया जिसमें निषेधात्मक आदेशों और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई। अधिकाारियों को बताकर मरकज़ द्वारा पहले से ही उठाए गए कदमों के बावजूद यह नोटिस दिया गया।

हालाँकि, 29 मार्च, 2020 को इस नोटिस का भी मरकज़ प्रशासन द्वारा विस्‍तृत उत्‍तर दे दिया गया था।

30 मार्च 2020 को, सोशल मीडिया पर एक अफवाह फैलने लगी कि COVID-19 से प्रभावित लोग मरकज़ में मौजूद हैं। यह भी प्रचारित किया जा रहा है कि कुछ मौते उसी के कारण हुई हैं। अप्रत्याशित रूप से, जैसा कि एएनआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि, दिल्ली के माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को मरकज़ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। माननीय मुख्यमंत्री से विनम्रतापूर्वक यह अनुरोध है कि उपरोक्त तथ्यों की जांच माननीय मुख्यमंत्री के कार्यालय द्वारा अवश्य की गई होगी, जिसमें अधिकारियों द्वारा उनके मरकज़ के दौरे, मरकज़ प्रशासन के साथ उनकी मीटिंग, मरकज़ के सहयोग और शेष लोगों को वापस भेजने के मरकज़ के प्रयासों के बारे में उन्हें अवगत कराया गया होगा।

इस पूरे प्रकरण के दौरान, मरकज़ निजामुद्दीन ने कभी भी कानून के किसी भी प्रावधान का कोई उल्लंघन नहीं किया, और हमेशा विभिन्न राज्यों से दिल्ली आने वाले आगंतुकों के प्रति दया के साथ काम करने की कोशिश की है। मरकज़ ने कभी भी आगन्तुकों को ISBTs या सड़कों पर घूमकर चिकित्सा दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं करने दिया।


मरकज़ निज़ामुद्दीन पूरे परिसर को वर्तमान महामारी की चुनौती से निपटने में अधिकारियों की मदद करने के लिए  आइसोलेशन या कवारेंटाइन सुविधा के रूप में इस्तेमाल करने के लिए विनम्रतापूर्वक पेश करना चाहता है।


अपने 100 साल के इतिहास के दौरान, मरकज़ निजामुद्दीन ने हमेशा प्रशासन और अधिकारियों के साथ सहयोग किया है। हमनें हमेशा कानून का पालन किया है। COVID-19 की वर्तमान चुनौती में भी मरकज़ प्रशासन कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ खड़ा है और उनके द्वारा जारी किए गए सभी दिशानिर्देशों का पालन करने में आगे रहेगा।

(फ़ोटो साभार- सज्जाद हुसैन AFP)

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