गाय के नाम पर लिंचिंग कर मारे गए पहलू ख़ान के ख़िलाफ़ कांग्रेस सरकार ने चार्जशीट दाख़िल की!


बहुचर्चित पहलू खान केस में स्वंय पहलू और दो बेटो को गौ तस्करी का आरोपी बताया गया जबकि कथित तौर पर पहलू खान अपने साथ जयपुर नगर निगम से प्रमाणित रसीद ले कर घरेलू काम के लिए गाए को जयपुर से अलवर ले जा रहे थे लेकिन रास्ते में बहरोड़ में ही उनकी पीट पीट कर हत्या कर दी गयी थी!

राजस्थान पुलिस ने बहुचर्चित पहलू खान केस में हाल ही में एक नई चार्जशीट पेश की गई जिसमें पीड़ित को ही अपराधी बना दिया गया नई चार्जशीट में पहलू खान जिन्हें 1 अप्रैल 2017 को भीड़ ने निर्मम तरीके से मार दिया था लको ही राजस्थान की काँग्रेस सरकार की पुलिस ने राजस्थान बोवाइन एनिमल (वध निषेध और अस्थायी प्रवासन या निर्यात का निषेध) अधिनियम, 1995 की धारा 5, 8 और 9 के तहत पहलू खान को अपराधी बताते हुए अतरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बहरोड़ के समक्ष चार्जशीट पेश की जिसमे पहलू के दो बेटे इरशाद और आरिफ समेत पीकअप चालक अर्जुन और मालिक जगदीश प्रसाद व पहलू खां के साथ आने वाले अज़मत और रफ़ीक़ को भी दोषी बताया गया!

वर्तमान चार्जशीट जो प्रथमिकी संख्या 253/17 बहरोर थाना अलवर के विरुद्ध है में कहा गया कि ” मामले में पूरी जांच के बाद, अभियुक्त इरशाद, आरिफ और पहलु खान के खिलाफ धारा 5, 8, 9 आरबीए अधिनियम के तहत अपराध साबित हुए हैं, जबकि आरोपी खान मोहम्मद के खिलाफ धारा 6 आरबीए अधिनियम के तहत अपराध साबित हुए हैं”

2017 में, पुलिस ने आरबीए अधिनियम के तहत दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की क्योंकि दो अलग-अलग पिक-अप पर हमला किया गया था – एक जगदीश के स्वामित्व वाली और दूसरा अर्जुन द्वारा संचालित मोहम्मद के स्वामित्व वाली जिसमे पहलु खान और उनके बेटे सवार थे। पुलिस ने दूसरी एफ आई आर की जांच में पहलू और उसके बेटो को दोषी बनाया है ।

मीडिया समुह इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए पहलू खान के बड़े बेटे इरशाद ने कहा कि “गौ-रक्षकों द्वारा किए गए हमले में हमने अपने पिता को खो दिया और अब हम पर गौ तस्करों के रूप में आरोप लगाए गए हैं।

हमें उम्मीद थी कि राजस्थान में नई कांग्रेस सरकार हमारे खिलाफ मामले की समीक्षा करेगी और वापस लेगी, लेकिन अब हमारे खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है। हम सरकार बदलने के बाद न्याय की उम्मीद करते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ”

ये वही पहलू खान है जिनकी लीनचिंग के समय उन्होंने जयपुर नगर निगम से गाए खरीदने की रसीद दिखाई थी और भीड़ ने फिर भी उनकी हत्या की थी ।

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