ये बेक़रारी कैसी

ये बेक़रारी कैसी कुछ टूटा भी नहीं तेरे-मेरे दरम्यां, फिर ये आवाज कैसी कभी छूटा भी…

भगवान-(कविता)

आज फिर से तुमने बता दिया कि कोई तुम्हारे ऊपर भरोसा नहीं कर सकता है। तुम…

यादों का पिटारा

जब भी ऊब जाता हूँ मै इस वर्तमान से, तो फिर से जीने अपना अतीत खोल…

हिंदुत्व को नहीं, ख़तरा तो हिंदू के नाम पर सत्तासीनों को है!

हिन्दुत्व है ख़तरे में हिन्दुस्तान का हिन्दुत्व खतरे मे है, बहुत सारे हिन्दु धार्मिक और सामाजिक संगठन…