कोटा: CAA के विरोध में धरना देने वाली शाहीन बाग़ टीम को पुलिस ने किया डिटेन,शाम को छोड़ा!


राजस्थान के कोटा शहर में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के घर के बाहर CAA के विरोध में धरना देने वाली टीम को आज कोटा पुलिस ने डिटेन कर लिया।

वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया कोटा के मीडिया प्रभारी मोहम्मद आसिम ने बताया कि,

“कोटा शाहीन बाग़ की आयोजक शिफा़ खा़लिद, उनके पति मुहम्मद खा़लिद, वेलफेयर पार्टी आफ़ इंडिया के जिलाध्यक्ष आसिफ़ हुसैन, जावेद अख़्तर अंसारी और असलम अब्बासी गुड्डू भाई को सीएए, एनआरसी और एनपीआर विरोधी धरना प्रदर्शन के कारण आज कोटा पुलिस ने किशोरपुरा थाने में बुलाया था। सभी साथी पूरा दिन थाने में ही रहे। इसी मुक़दमें में दिल्ली के छात्रनेता आसिफ तन्हा को भी सह आरोपी बनाया गया था, वह फि़लहाल दिल्ली जेल में हैं।”

बाद में मोहम्मद आसिम ने मामले की आगे जानकारी देते हुए अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि,

“कोटा शाहीन बाग़ आयोजक शिफा़ खा़लिद, मुहम्मद खा़लिद, आसिफ़ हुसैन, जावेद अख़्तर अंसारी, असलम अब्बासी गुड्डू सहित सभी डिटेंड साथियों को थाने से रिलीज़ कर दिया गया है.”

थाने से बाहर आने पर सभी लोगों का समर्थकों ने माला पहनाकर स्वागत किया।

क्या है पूरा मामला

पुलिस ने यह मामला IPC की धारा 143, 149, 188, 269, 270, 283, 336 और ध्वनि प्रदूषण की धारा 4/6 के अंतर्गत 19 मार्च 2020 को दर्ज किया है।

दरअसल कोरोना के शुरूआती ख़तरे को देखते हुए पूरे प्रदेश में धारा 144 लगा दी गई थी, लेकिन फिर भी कोटा के ‘शाहीन बाग़’ में CAA के विरोध में लगातार भीड़ जमा हो रही थी।

इसलिए पुलिस ने 19 मार्च 2020 को विभिन्न धाराओं में धरने की आयोजक शिफा़ खा़लिद सहित ख़ालिद खान ( अध्यक्ष वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया युवा मोर्चा कोटा शहर ), आसिफ़ हुसैन ( जिला अध्यक्ष वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया कोटा), जावेद अख्तर अंसारी , गुड्डू भाई, दिल्ली के छात्र नेता आसिफ़ तन्हा और शाह आलम पर केस दर्ज कर लिया था।

19 मार्च 2020 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिल्ली के छात्र नेता आसिफ़ तन्हा और शाह आलम भी मुख्य वक्ता के रूप में कोटा आए हुए थे। इसलिए पुलिस ने आयोजकों के साथ साथ इन्हें भी आरोपी बनाया है।

उसी केस की पूछताछ के लिए सभी आरोपियों को कोटा के किशोरपुरा थाने में बुलाया गया था।


 

1 thought on “कोटा: CAA के विरोध में धरना देने वाली शाहीन बाग़ टीम को पुलिस ने किया डिटेन,शाम को छोड़ा!

  1. अपना ही वैल्फेयर और अपनी ही पार्टी ,अपने आप को खुद ही फूलों का हार डालकर फोटो खींच कर अख़बार में छाप कर नेता बनना आसान लगता है लेकिन ऐसे नेता न घर के और न ही घाट के रहते हैं। बिना मुद्दे के धरना देने से कुछ तमाशा करने से अच्छा है कुछ समाज सेवा करें ।

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