73% रिकवरी और हर दिन 25 हजार टेस्ट कर मजबूती से कोरोना जंग लड़ता राजस्थान


73% रिकवरी और हर दिन 25 हजार टेस्ट कर मजबूती से कोरोना जंग लड़ता राजस्थान

कोरोना को नियंत्रित करने का भीलवाड़ा मॉडल हो या फिर बीकानेर का 3-लेयर कंट्रोल प्लान हो, राजस्थान में हर जिले की कई अन्य योजनाएं आज राज्य को कोरोनोवायरस महामारी से लड़ने के लिए बेहतरीन परिणाम दे रही है।

राजस्थान शुरूआत से ही सख्त लॉकडाउन लगाने वाले पहले राज्यों में से एक है। इसी कारण स्वास्थ्य अधिकारियों और प्रत्येक जिला प्रशासन के लिए यह संभव हुआ कि समुदायिक लेवल पर इसे फैलने से रोका जा सका।

8 मई की सुबह तक राज्य के भीतर कुल 506784 सैंपल इकट्ठे किए गए हैं और लगभग 4,91,233 लोग नेगेटिव पाए गए हैं। कोरोना नेगेटिव लोगों का प्रतिशत इसमें 96% जा पहुंचा है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान ने एक ही दिन में 25,000 टेस्ट करने का लक्ष्य हासिल किया है, जो पहले 18,000 था। राजस्थान में पोजोटिव मामलों की संख्या, 2,641 सक्रिय मामलों के साथ 10,696 तक पहुंच गई है।

राजस्थान सरकार से चिकित्सा और स्वास्थ्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह का कहना है कि,

इसमें दो तरफा रणनीति को अपनाया गया। सबसे पहले ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करवाए गए साथ ही पोजिटिव लोगों को बेहतर सुविधा प्रदान की गई। दूसरा, जनसांख्यिकीय और स्वास्थ्य बीमा डेटा, आदि सहित कई सोर्सेज के इस्तेमाल से कमजोर लोगों की पहचान पर ध्यान केंद्रित करके मिशन LiSa (जीवन की बचत) को शुरू किया जिसमें उनके बीच ऑक्सीजन के स्तर की निरंतर जांच और लक्षण दिखाई देने पर उच्च-स्तर की देखभाल के लिए तुरंत एक्शन प्रोवाइड करवाए गए।

इन प्रयासों ने काम किया है क्योंकि हम रिकवरी स्तर को 73% तक ले जाने में सफल रहे हैं और मामले की दर 2.3% के आसपास रोक पाए हैं। जैसा कि हम कहते हैं कि राजस्थान इस बीमारी को दूर करेगा।

जब लोगों को ठीक करने की बात आती है, तो राजस्थान के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल ने बड़ी संख्या में रोगियों को ठीक किया है। यहां पर पूरे राज्य के 73.24% से अधिक लोगों को ठीक किया गया है जो पूरे देश में सबसे ज्यादा है।

उल्लेखनीय रूप से, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली और यूपी जैसे प्रमुख राज्यों में रिकवरी रेट क्रमशः 67.92%, 45.07%, 38.56% और 58.48% है। राजस्थान में चिकित्सा सुविधाओं से डिसटार्च किए लोगों की संख्या 7450 है।

राजस्थान में मामलों की डबलिंग रेट 21 दिन हो गई है। राज्य जरूरत पड़ने पर एक ही समय पर एक लाख लोगों का इलाज कर पाने में सक्षम है।

प्रसार और निवारक उपायों को शामिल करने के लिए कई कार्यक्रमों और प्रयासों के साथ मिशन लाइफ सेविंग भी चलाया जा रहा है, जिसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर जागरूकता फैला रहे हैं और उच्च-जोखिम की संभावनाओं वाले निवासियों तक पहुँच रहे हैं।

दूसरी ओर, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीकाकरण भी दिया जा रहा है। हर हफ्ते 10,000 सेशन किए जा रहे हैं और हजारों गर्भवती महिलाओं और लाखों बच्चों को इस ड्राइव में टीका लगाया जा रहा है। 500 से अधिक मोबाइल ओपीडी वैन भी काम कर रहे हैं जो गैर-कोविड रोगियों को अतिरिक्त 78 मोबाइल वैन के साथ चिकित्सा सुविधा देने के लिए काम कर रहे हैं। इन वैन द्वारा लगभग 8,06,302 लोगों को सर्विस दी गई है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निरोगी राजस्थान के वादे को ध्यान में रखते हुए उन्हें मुफ्त दवाएँ दी गई हैं।

-अवधेश पारीक,जयपुर


 

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