सुरक्षित सीट के लिए जगह जगह ख़ाक छानते फिर रहे हैं मुख्यमंत्री पुत्र वैभव गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पूत्र वैभव गहलोत के लोकसभा चुनाव लड़ने का इशारा तो खुले तौर पर दे दिया है। लेकिन वैभव किस जगह से लड़ेंगे उस जगह को लेकर राजस्थान की तीन लोकसभा क्षेत्रों के उम्मीदवारों के चयन को लेकर पेच अभी पूरी तरह फंसा हुवा है!

जोधपुर लोकसभा क्षेत्र से पांच दफा सांसद रहने के साथ 1998 मे उपचुनाव के बाद अब तक विधायक जीतते आ रहे अशोक गहलोत ने पीछले तीन दिन जोधपुर रहकर कार्यकर्ताओं का मन टोटले व अपने खास लोगों से चुनावी मंथन करके फीडबैक लेने के बाद लगने लगा था कि वैभव गहलोत जोधपुर से चुनाव लड़ सकते हैं!

इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सिरोही जिले के दौरे के समय निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के साथ मंच शेयर करने के अलावा कार में बातचीत करने के बाद राजनीतिक हलको मे जालोर-सिरोही लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार के तौर पर वैभव गहलोत का नाम उभर कर सामने आने लगा!

 


लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत राजनीतिक शतरंज के मंझे हुये खिलाड़ी हैं!  वो बिना कोई रिस्क लिये अपने पुत्र को पहली दफा एकदम सुरक्षित जगह से चुनाव लड़ाकर सांसद बनाना चाहते हैं!
उधर अशोक गहलोत जोधपुर व जालोर-सिरोही मे घूम कर राजनीतिक पारा चढा रहे थे तो इधर उनके पुत्र वैभव गहलोत टोंक-सवाईमाधोपुर लोकसभा क्षेत्र मे डेरा डालकर लोगों से मिल रहे थे!

वैभव गहलोत निर्दलीय विधायक को अपने साथ हेलीकॉप्टर मे ले जाकर टोंक-सवाईमाधोपुर के समारोह मे शिरकत कर रहे थे!

मुस्लिम बहुल टोंक-सवाईमाधोपुर को सेफ सीट मानकर वैभव गहलोत पिछले एक अर्से से अब तक लगातार सवाईमाधोपुर व टोंक जिले की खाक छानते घूम रहे हैं!

राजस्थान चुनाव समिति की जयपुर बैठक में जनरल सीट टोंक-सवाईमाधोपुर से नमोनारायण मीणा के चुनाव लड़ने की कहने के बाद वैभव गहलोत की टोंक-सवाईमाधोपुर के अतिरिक्त जोधपुर व जालोर-सिरोही से चुनाव लड़ने की अटकलें जोर पकड़ने लगी हैं!

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चाहे जोधपुर व जालोर-सिरोही के दौरा करके नई राजनीतिक चर्चा को जन्म दें पर वैभव गहलोत शूरु से लेकर अब तक टोंक-सवाईमाधोपुर लोकसभा क्षेत्र मे ही सक्रिय रहकर मतदाताओं से सम्पर्क बढा रहे हैं!

वैभव गहलोत की उम्मीदवारी के घोषणा के साथ ही उनकी उस सीट का संशय का पटाक्षेप होगा जिस सीट से वो चुनाव लड़ेंगे। तब तक उक्त तीनों सीट को लेकर संशय बरकरार रहने की उम्मीद जताई जा रही है!

अश्फ़ाक क़यामखनी

(लेखक राजनैतिक विषलेशक और वरिष्ठ पत्रकार हैं)

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