युवाकवि अंकित सिन्हा की कविता मैंने कुछ आज है जाना

मैंने कुछ आज है जाना,
कुछ अलग सा क्यों है ज़माना,

कुछ बात इसकी निराली है,
कुछ अलग सी ये कहानी है,

आज कुछ बात करते है हम,
कुछ लफ़्ज़ों में बात करते है हम,

कुछ तो लिखी है ये बात,
कुछ तो है अलग सा अंदाज़,

समझना है फिर से इस ज़माने को,
समझाना है अपनी ज़िद इस ज़माने को,

कुछ बात शायद ज़माना ना समझें,
हमारा दर्द भला ज़माना क्यों समझें,

फिर भी हम खुद लड़ लेंगे,
अपने सपने को खुद पंख देंगे…..

रचनाकार परिचय

-अंकित कुमार सिन्हा

(MBA छात्र, सेंट्रल यूनिवर्सिटी राजस्थान)

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