लिंचिंग का शिकार हुए अब्दुल अजीज की बेवा का दर्द,ना मैं वो रात भूल सकती हूँ और ना उन मारने वालो को माफ कर सकती हूं

नदीम खान

फ़ोटो में जो आप देख रहें हैं वो मरहूम शेख़ अब्दुल अजीज़ की बीवी नसरीन और उनकी दो मासूम बेटियां कहकशा और मन्तशा है।
झारखण्ड के एक कोने में ओडिशा बॉर्डर के पास जगह है हल्दी पोखर ज़िला सराय केला ,वहा के रहने वाले थे शेख अज़ीज़, दो साल पहले दुबई से आये थे वंहा से आने के बाद पुरानी कार खरीदते थे और उसको पेंट पॉलिश करके बेचते थे।
पिछले साल 27 मई की शाम में अपने 3 दोस्तो के साथ निकले थे उसमे से एक दोस्त नईम जानवरो को खरीदने बेचने का काम करता था रात में एक गाड़ी ने पीछा किया और आगे कुछ लोगो ने पेड़ काट कर डाल दिया। शेख हलीम वहा से जान बचाते हुए पास में अपने बहनोई के गाँव मे छुप गए। 10 हज़ार लोगो की भीड़ ने गांव घेर लिया और गाँव वालों से कहा कि हमारे हवाले करो वरना गुजरात बना देंगे।
फिर सबकी आखों के सामने हलीम को बच्चा चोरी का इल्जाम लगा कर मार डाला तीनो दोस्त भागने की कोशिश में जंगल मे मारे गए।
अज़ीज़ की बीवी नसरीन का कहना है कि न मैं वो रात भूल सकती हूँ और न उन मारने वालो को माफ कर सकती हूं। दोनों बच्चिया स्कूल में है लेकिन लड़के के स्कूल जाने के पैसे नही है। नसरीन ने कहा कि इतनी लंबी ज़िन्दगी इन बच्चों की बाप की बिना कैसे कटेगी? लेकिन काटनी पड़ेगी, वो बोली मैंने अपने बेटे को अभी तक ये नही बताया कि उनका बाप नही रहा है लेकिन ये कब तक छुपाउंगी, उनके ये बोलते ही दोनों बेटियां रोने लगती है।
हाल ये है कि पूरे मामले में कोई वकील तक नही है, सरकारी वकील के भरोसे काम चल रहा है। फिलहाल वकील का इंतज़ाम किया है। कही न कही से बच्चो की पढ़ाई का मामला भी किया जाएगा। कोशिश ये भी करेंगे इन तमाम लोगो को दिल्ली बुला कर पूरे देश के सामने इनका दर्द रखे ।
जितनी हिम्मत है उतना काम कर रहे है आप लोग साथ देंगे तो शायद आगे कुछ हो जाये वरना सैकड़ो कहानियों में सिर्फ आंसू और अफ़सोस के सिवा कुछ नही।

(नदीम खान यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के संस्थापक सदस्य हैं और अभी हाल ही मैं मोब्लिंचिंग के शिकार पीड़ित परिवार से मिलकर आए हैं, ये लेख उनकी फेसबुक वॉल से लिया गया है)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *