परीक्षाओं की समाप्ति के बाद छात्रों को तब तक रिलैक्स फील नहीं होता जब तक की रिजल्ट्स नहीं आ जाते और यह मौसम परीक्षा परिणामों का मौसम है, जिसमें विभिन्न स्तर के एग्जाम्स के रिजल्ट्स आ रहे है।
हाल ही में कुछ परीक्षाओं के परिणाम आना शुरु हो गये है और बहुत सी परीक्षाओं के परिणाम का अभी इन्तिज़ार है।
इससे जहाँ एक तरफ़ विधार्थियों, अभिभावक और अध्यापकगण के बीच खुशी का माहौल है तो वहीं दूसरी तरफ कुछ छात्र-छात्रा बहुत ज़्यादा उदास भी है और अपने आपको कमतर समझ रहे है।
वो ये बात सोच रहे है की काश हम कुछ और पढ़ाई करते तो हम भी कुछ अच्छा कर पाते अपना और अपने माता-पिता का नाम रौशन करते। वो नाउम्मीद हो रहे है और कई विद्यार्थियों ने तो अपने जीवन ही को समाप्त कर लिया है।
दोस्तोँ !
“आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं है बल्कि ये खुद एक बहुत बड़ी समस्या है ” जीवन अनमोल है इसे किसी एक परीक्षा के परिणाम के बदले समाप्त करना कहाँ की समझदारी है।
दुनिया के लिए आप एक व्यक्ति है लेकिन अपने परिवार के लिए आप पूरी दुनिया है। आप अपना ख़्याल रखें और जिंदगी को यूँ ही समाप्त ना करें।
प्रिय विद्यार्थियो!
घबरा ने की आवश्कता नहीं है । सिर्फ आपको आगे आने वाली परीक्षा की अच्छे से तैयारी करने की ज़रूरत है। ये नहीं सोचना चाहिये की इस परिक्षा में कुछ नहीँ कर पाये या अपने दोस्त से कम अंक आये है! अब मैं आगे कैसे पढ़ाई करूँगा ?
दोस्तों ऐसा नहीं हैं “कोई एक परीक्षा का परिणाम आपका भविष्य तय नहीं कर सकता” आपके सामने ऐसे-ऐसे उदाहरण मौज़ूद है जो कई बार असफ़ल हुए या शुरूआती परीक्षा में वो अच्छे अंक नहीं ला सके। लेकिन हम देखते है उन्होंने समाज में अपनी अहम भूमिका निभाई है।
इसलिये आपको भी घबराने की आवश्कता नहीं है । बस आप तो अपने गोल को हासिल करने के लिये आगे से कड़ी मेहनत करने का दृढ़ निश्चय कीजिये। फिर देखिये आप सफलता की सीढ़ियों को कैसे चढ़ते जाते हो।
जब हम किसी एक काम में एक बार असफल हो जाते है तो अपने आपको असफल मान लेते है जबकी ऐसा नहीँ होना चाहिये असफल हम तब होते है जब उस काम को ये सोच कर करना छोड़ देते हैं की अब मुझसे नहीं होगा।
लेकिन हमें एक बात याद रखनी चाहिये की जब तक हम कोशिश कर रहे है तब तक हम सफलता की ओर बढ़ रहे है और जिस दिन कोशिश करना छोड़ देते है उसी दिन हम सफलता का द्वार अपने लिये बंद कर देते है।
दोस्तों आपको एक बात और बताता चलता हूँ आप जानते हो की कई बार हमारे किसी एक विषय में कम अंक आते है तो हम परेशान होने लगते है। ये बात सही नहीं है ।ये आपकी रूचि पर निर्भर करता है। क्योकि जिस विषय में आपकी रूचि होती है उसमें आपके अच्छे अंक आते है और जिस में विषय में कम रूचि होती है उसमें कम अंक आते है ।
प्रिय विद्यार्थियों !
आप में से किसी के अन्दर कलाकार की प्रतिभा छुपी है अब ऐसे विद्यार्थियों के लिये गणित में पारंगत होना कोई ज़रूरी नहीं। आपके अंदर खिलाड़ी भी हैं,जिनकी फिजिकल फिटनेस फिजिक्स के अंकों से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं । आप में अनेकों उद्यमी भी हैं,जिन्हें इतिहास या अंग्रेजी साहित्य में कुछ कठिनाई महसूस होती होगी, लेकिन ये ही आगे चलकर इतिहास बदल सकते है । संगीतकार भी आप ही में से बनते है जिनके लिये रसायनशास्त्र के अंक कोई मायने नहीं रखते । ऐसी अनेको प्रतिभा आपके अंदर मौजूद है।
साथ ही शिक्षण संस्थानों को भी समय समय पर अपने संस्थान में विद्यार्थियों की कौंसिलिंग करवाते रहना चाहिये और पढाई के लिए जरूरत से ज्यादा भार भी नहीं डालना चाहिए ।
हाल ही में शिक्षा नगरी कही जाने वाले शहर कोटा में एक के बाद एक विद्यार्थी के द्वारा आत्म हत्या करना भी हमें सोचने पर मजबूर कर देता है ।
सरकार को भी इस ओर ध्यान देना चाहिये और शिक्षण संस्थानों के लिये सख्त नियम बनाने की आवश्यकता है। ताकि बच्चों के खाने-पीने , पढ़ाई करने के घंटे तय हो। सिर्फ किताबों के पीछे नहीं पड़े रहना बल्कि खेल कूद के लिए भी उचित समय दिया जाये।
प्रिय अभिभावक कुछ बात आपसे भी तो साझा करनी है आप भी अपने बच्चों के परिणाम को लेकर बहुत बेचैन हो रहे होंगे । आपको सकारात्मक होने की आवश्कता है आप जब तक अपने बच्चों के परिणाम के प्रति सकारात्मक नहीं रहोगे तब तक आप बच्चे को इस नाज़ुक घड़ी से नहीँ निकाल सकते। आपको उन्हें होसला दिलाने की आवश्कता है , उनके परिणाम के प्रति खुशी ज़ाहिर करने की जरुरत है , उनमें आशा की किरण जगाने की आवश्कता है, उन्हें नाउम्मीदी से निकलना आप ही का काम है।
यदि कोई विधार्थी मैरिट अंक प्राप्त करता है तो ये बहुत अच्छी बात है।लेकिन यदि वह ऐसा नहीं कर पाता तो मेहरबानी करके उससे उसका आत्मविश्वास न छीनें ।
उसें बतायें कि सब कुछ ठीक है और ये सिर्फ एक परीक्षा ही तो है ।वह जिंदगी में इससे कहीं ज्यादा बड़ी चीजों को करने के लिये बना है ।इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसने कितना अंक प्राप्त किये है। उसे प्यार दें और उसके बारे में अपना फैसला न सुनायें ।
यदि आप उसे खुशमिज़ाज़ बनाते हैं तो वो कुछ भी बने उसका जीवन सफल है,यदि वह खुशमिज़ाज नहीं है तो वो कुछ भी बन जाए, सफल कतई नहीं है ।
कृपया ऐसा करके देखें,आप देखेंगे कि आपका बच्चा विश्व् जीतने में सक्षम है। उसे उसके अपने सपनों को साकार करने का मोका दें । उसे अपना जीवन खुशहाली के साथ गुजारने दें।
बस जीवन के विभिन्न मोड़ों पर आप उसके लिये ढाल बन कर खड़े रहिये। फिर देखियेगा आपका बच्चा परिवार के सपनों को कैसे साकार करता है।
-साबिर अहमद मंसूरी