प्रधानमंत्री जी, गांव जाते मजदूरों की सड़कों पर बिछी लाशों से माफी कैसे मांगेंगे ?


कोरोना महामारी को देखते हुए केंद्र सरकार ने 24 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की जिसके बाद से कई राज्यों के प्रवासी मजदूरों के बीच एक अजीब सा अफरातफरी का माहौल बन गया है। दिल्ली, मुंबई, गुजरात जैसे शहरों में काम करने वाले यूपी, बिहार, राजस्थान के दिहाड़ी मजदूर अपने गांवों की ओर जाने के लिए या तो सड़कों पर निकल पड़े हैं या तमाम शहरों के बॉर्डर पर आपाधापी मची हुई है।

लाखों की जमा भीड़ से सरकार के लॉक़डाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही है तो भारत में कम्यूनिटी ट्रांसमिशन का खतरा बढ़ रहा है। हालांकि कई राज्य सरकारों की तरफ से बसों और वाहनों की व्यवस्था की गई है लेकिन फिर भी लोगों की संख्या को देखते हुए हालात में कमोबेश खराब ही है।

अब आते हैं कुछ आंकड़ों पर जो दो तरह के हैं, इनमें एक वो लोग हैं जो कोरोना संक्रमण के चलते काल का ग्रास बने तो दूसरे वो जिन्हें सरकार के बिना तैयारी वाले आदेश के बाद अफरातफरी के चलते मौत का मुंह देखना पड़ा।

कोरोना से देश में अभी तक 25 मौतें हुई हैं, वहीं लॉकडाउन के समय मची अफरातफरी की वजह से शहरों से भाग रहे लाखों मजदूरों में से अब तक 17 की मौत की खबरें सामने आ चुकी है।

बीबीसी के मुताबिक 39 साल के रणवीर सिंह लॉकडाउन के बाद दिल्ली से मध्य प्रदेश के मुरैना में अपने गांव पैदल सड़क पर चल पड़े थे, लेकिन 200 किलोमीटर चलने के बाद उनकी तबियत बिगड़ गई और वो सड़क पर बेहोश होकर गिर गए, जहां से उन्हें पुलिस की मदद से अस्पताल ले जाया गया।

अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया, पुलिस ने बताया कि दिल्ली के प्राइवेट रेस्तरां में काम करने वाले रणवीर सिंह की मौत हार्ट अटैक से हुई है।

वहीं एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक तेलंगाना में बाहरी क्षेत्र पेड्डा गोलकोंडा के सड़क पर चल रहे कर्नाटक के सात मजदूरों को एक गाड़ी ने टक्कर मार दी जिसके बाद 5 लोगों की मौके पर मौत हो गई और 4 लोग घायल हो गए, मरने वालों में 2 बच्चे भी हैं।

इसके अलावा जागरण में एक खबर है जो यह कहती है कि लॉकडाउन में कोलकता से घर लौट रहे 30 मजदूरों से भरी एक पिकअप वैन शुक्रवार की देर रात झारखंड के देवघर में पलट गई. एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि करीब एक दर्जन घायल हो गए।

एक अन्य खबर के अनुसार जो अमर उजाला में है के मुताबिक, महाराष्ट्र और कर्नाटक से पैदल अपने घरों की ओर जा रहे मजदूर हादसे का शिकार हो गए. तीन हादसों में अब तक 12 लोगों की मौत हो गई है।

महाराष्ट्र के वापी और करामबेली स्टेशन पर दो महिलाएं तेज रफ्तार मालगाड़ी से टकरा गईं. वे रेलवे ट्रैक क्रॉस करने की कोशिश कर रही थीं. महाराष्ट्र के पालघर में एक तेज रफ्तार टेंपो ने चार लोगों को बुरी तरह से कुचल दिया. उनकी मौके पर ही मौत हो गई. तीन घायल हो गए हैं. कर्नाटक में शनिवार रात को लॉरी और मिनी ट्रक की टक्कर के बाद छह लोगों की मौत हो गई, जबकि छह लोग घायल हो गए हैं।

अमर उजाला की एक अन्य खबर के मुताबिक, मजदूरों से भरी एक पिकअप गाड़ी कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे पर गुरुवार देर रात अनियंत्रित होकर पलट गई. हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि 11 गंभीर रूप से घायल हो गए. पिकअप में 12 मजदूर बरेली जा रहे थे. ये सभी मजदूर दिल्ली में मजदूरी करते हैं. लॉकडाउन के बाद उनका कामकाज ठप हो गया था, जिससे वे घर जा रहे थे.

हिंदुस्तान की एक खबर के मुताबिक, लॉकडाउन के बाद हरियाणा से घर आ रहे रामपुर निवासी मजदूर चलती बस से गिर गया. उसकी मौत हो गई. रामपुर के गांव लाडोपुर निवासी नितिन और भाई पंकज हरियाणा की जूता फैक्ट्री मजदूरी करते थे. फैक्ट्री बंद होने पर दोनों भाई हरियाणा से रामपुर लौट रहे थे.

जागरण की एक और खबर है कि हाथरस के गांव महमूदपुर नगला ढक निवासी गजेंद्र कुमार (20) नोएडा में मजदूरी करता था. लॉकडाउन के बाद पैदल वापस जा रहा था. अलीगढ़ के पास अज्ञात वाहन ने उसे कुचल दिया जिससे उसकी मौत हो गई. शुक्रवार को उसका शव गांव पहुंचा.

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