राजस्थान में इस जिले के रामजल मीणा दिल्ली JNU में गार्ड हैं , अब कर लिया JNU का एंट्रेंस एग्जाम पास !


ये हैं रामजल मीणा! जेएनयू में पिछले 5 साल से सिक्यूरिटी गार्ड! राजस्थान के अत्यंत पिछड़े जिले करौली से हैं!

करीब 16 साल पहले कम उम्र में ही शादी हो जाने और ग़रीबी के कारण इनके ऊपर घर-परिवार की भारी ज़िम्मेदारी आन पड़ी! ग़रीबी ने इनकी पढ़ाई बीच में ही बंद करवा दी!

8-10 घंटे की थकाऊ ड्यूटी करने के बीच रामजल अपने साथ क़िताबें लाते थे और थोड़ा-थोड़ा समय निकालकर पढ़ते भी रहते थे! कुछ एक प्रोफेसर और खासकर छात्रों ने इन्हें प्रोत्साहित किया जिसका ज़िक्र ये फ़क्र से करते हैं! जिस जेएनयू की प्रवेश परीक्षा निकालना काफ़ी कठिन माना जाता है, वही परीक्षा राजमल ने पास कर ली है!

अब तक ये विभागों के बाहर, सड़कों पर, लाइब्रेरी के बाहर पहरा देते थे! अधिकांश समय खड़े-खड़े ही ड्यूटी करनी होती थी, अब से ये लाइब्रेरी के अंदर, क्लासरूम में, विभागों के अंदर बैठकर पढ़ सकेंगे!

33-34 साल की उम्र में भी पढ़ाई (वो भी ग्रेजुएशन की) करने का जूनून बहुत प्रेरणादायक है!

बहुत बधाई रामजल मीणा भाई! जेएनयू में पढ़ाई के 9 सालों में ऐसे कई उदाहरण मिले जिन्होंने बहुत विकट परिस्थितियों से निकलकर यहाँ से पढ़ाई की!

मेरे ही साथ पढ़ने वाले एक दोस्त बसों में रेवड़ियाँ बेचते थे कभी और जब एंट्रेंस पास करके जेएनयू आये तो फिर पीएचडी करके निकले और आज दिल्ली यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं!

इसी तरह एक और दोस्त जो कभी कूड़ा बीनकर और सब्जी मंडी की बोरियाँ साफ़ करके अपना ख़र्च उठाया, आज वह जेएनयू से पढ़ाई के बाद अच्छी नौकरी करते हुए अपने पूरे घर को संभाल रहा है! टैक्स पेयर्स की गाढ़ी कमाई से ऐश करने का भोंडा इल्ज़ाम सहने वाला जेएनयू ऐसे सैकड़ों उदाहरणों से भरा पड़ा है!

फोटो श्रीमन्त द्वारा रामजल जी के इंटरव्यू से स्क्रीनशॉट है!

वाया :- तारा शंकर 

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