हिजाब विवाद पर बोली महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज़, लड़की को रोको मत, पढ़ने दो !


हिजाब विवाद पर राजस्थान राज्य महिला आयोग की नव नियुक्त अध्यक्ष रेहाना रियाज़ चिश्ती से जनमानस ने विशेष बातचीत की।
रेहाना रियाज मूलतः चूरू की रहने वाली हैं और 1985 से कांग्रेस से जुडी हुई है। चूरू में जमीनी स्तर पर काम करने के बाद वे यूथ कांग्रेस से जुडी और लम्बे समय तक यूथ कांग्रेस में विभिन्न पदो पर रही। इसके बाद 1999 में उन्हें प्रदेश कांग्रेस में पदाधिकारी बनाया गया। 2014 में प्रदेश कांग्रेस की महासचिव बनने के बाद 2017 में महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष बनीं। अभी हाल ही में उन्हें राजस्थान राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है।
देश में इस समय चल रहे हिजाब के मुद्दे पर राजस्थान राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज ने जनमानस को बताया कि हिजाब या बुर्का पहनकर आई लड़कियों को पढ़ने से मत रोकिए. बुर्के को पढ़ाई में बैरियर मत बनने दीजिए. जो लड़कियां घर से निकलकर कॉलेज जा रही हैं वो पढ़ने, ज्ञान अर्जित करने ही जा रही हैं.
हिजाब और मुसलमानों पर पूरे देश में छिड़ी बहस पर उन्होंने कहा कि कोई भी मुद्दा इल्म हासिल करने से ज्यादा बड़ा नही है, उसमें पर्दा, हिजाब या बुर्का को रुकावट नहीं बनने देना चाहिए. इस्लाम में तो यह भी कहा जाता है कि अगर इल्म हासिल करने के लिए चीन भी जाना पड़े तो जाइए. इल्म की इतनी ज्यादा अहमियत इस्लाम में बताई गई है.
उन्होंने कहा कि अगर कोई लड़की पढ़ाई के लिए घर से बाहर निकल रही है तो उसको पढ़ने दो उसको पढ़ाई से रोको मत. उसके पांव में बेड़ियां मत डालो, उसको कुछ बनने दो. उसको खुद डिसाइड करने दो उसको क्या करना है. हिजाब इतना बड़ा मुद्दा नहीं है. लड़की का नॉलेज हासिल करना ज्यादा बड़ा मुद्दा है.
उन्होंने कहा कि अगर स्कूल कॉलेज में यूनिफॉर्म है तो इस बात का पेरेंट्स को भी पता होता है उन्हें भी इस बात को समझना चाहिए. कई बार जब लड़की घर से निकल कर बहुत सारे लोगों की भीड़ में आती है तो उसको एक झिझक महसूस होती है. जब कोई लड़की घर से बाहर निकल कर पढ़ने के लिए आती है तो वो सोचती है कि अगर मैं पढ़ाई करूंगी तो मुझे उसका फायदा मिलेगा इसलिए मुझे पढ़ना ही है, कुछ पाना है, कुछ बनना है.
हिजाब पहनने वाली लड़कियों को स्कूल कॉलेज में अंदर प्रवेश देने से रोकने पर उनका कहना है कि अगर इस तरह की रोक टोक शुरू हो जाएगी तो फिर लड़की को पेरेंट्स भी बाहर भेजने से हिचकेंगे और लड़की भी बाहर पढ़ने जाने में झिझकेगी. हम सबको लड़की को एक सुरक्षित माहौल देना चाहिए. हमें कहना चाहिए कि तुम पढ़ने के लिए आओ तुम्हे डरने की कोई जरूरत नहीं है. उसको इतना सेफ फील करवाओ की वो खुद ही यह सब चीजें छोड़ कर अपनी पढ़ाई लिखाई पर ध्यान दे.
राजस्थान में जयपुर की चाकसू तहसील के कस्तूरी देवी कॉलेज में हिजाब पहनने वाली छात्राओं को प्रवेश नहीं देने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि ऑफिसियली जो कार्यवाही हमें करना है वो हम जरूर करेंगे. अभी दो दिन की छुट्टी है उसके बाद हम देखेंगे की क्या कुछ किया जा सकता है जिससे की माहौल सही बना रहे और सब एक दूसरे के सहयोगी बन कर रहे.
उन्होंने कहा कि हम एक दूसरे के ऊपर आक्रमणकारी बन कर ना रहे. सब जियो और जीने दो की नीति पर चलें, किसी का इरादा क्या है उस पर कनसंट्रेट करें ना कि उसने क्या पहना है इस पर ध्यान दे. लड़की कॉलेज ज्ञान पाने के लिए ही तो आ रही है किसी गलत काम के लिए तो नहीं आ रही है. समाज को अच्छी तरह से रहना चाहिए और कॉलेज प्रशासन को भी किसी को पढ़ाई से रोकना नहीं चाहिए. पेरेंट्स और कॉलेज प्रशासन के बीच बात होनी चाहिए, दूसरे लोगों को बीच में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. हमें भी ऐसे मुद्दों को ज्यादा हवा नहीं देनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि राजस्थान में इस तरह के मुद्दों की कोई जगह नहीं है, इन बातों को यहां कोई बढ़ावा नहीं देता है. यह मुद्दा एक दो दिन में अपने आप ही खतम हो जाएगा.

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