धौलपुर: अल्पसंख्यकों की दुकानों में आग लगाने वाले दोषियों को गिरफ्तार करने को लेकर प्रदर्शन


राजस्थान में धौलपुर जिले के सैंपऊ कस्बे के बसेड़ी तिराहे पर कब्रिस्तान की 18 दुकानों में 5 अक्टुबर की रात को आगजनी की घटना हुई थी. पीड़ितों ने 6 अक्टुबर को ही आरोपियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई थी लेकिन घटना के 3 दिन बाद भी सभी आरोपी अब तक गिरफ्तार नहीं किए गए हैं.

इस बात से नाराज़ होकर शुक्रवार को सैंपऊ कस्बे के मुस्लिम समाज के लोगों ने उप सरपंच भूरा शाह और ताजिया कमेटी अध्यक्ष शफीक शाह के नेतृत्व में सैंपऊ एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. ज्ञापन के माध्यम से पीड़ितों ने मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाते हुए दोषियों को गिरफ्तार करने और दुकानें जलने से हुए नुकसान के पूरे मुआवजे की भी मांग की.

गुरूवार रात को धौलपुर पुलिस ने ट्वीट कर बताया था कि दो आरोपियों नारद परमार और रब्बा परमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. नामजद 5 आरोपियों में से तीन आरोपी हरेंद्र, नारायण सिंह और छोटू को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है. हरेंद्र सिंह परमार और नारद परमार, जितेंद्र परमार के सगे भाई है जिसकी सरपंच के चुनाव में करारी हार हुई थी. पीड़ितों का आरोप है कि सरपंच चुनाव में हार होने के बाद ही प्रत्याशी जितेंद्र परमार के गुस्साए परिजनों ने अल्पसंख्यकों की 18 दुकानों में आग लगा दी थी.

गुरूवार को जयपुर में फ़ोरम फॉर डेमोक्रेसी एंड कम्युनल एमिटी ( एफडीसीए ) ने भी पुलिस महानिदेशक राजस्थान को पत्र लिखकर दोषियों को गिरफ्तार करने और पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग की थी.

एफडीसीए के प्रदेशाध्यक्ष सवाई सिंह ने बताया कि हमने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर इस बात से अवगत करवाया है कि आरोपी पीड़ितों को डरा धमकाकर शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे हैं. आरोपी पूरे मामले को सांप्रदायिक रंग देने की भी कोशिश कर रहे हैं. हमने पुलिस महानिदेशक को कहा है कि क्षेत्र का सांप्रदायिक सौहार्द बना रहना चाहिए.

 


 

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