धौलपुर: सरपंच का चुनाव हारने पर अल्पसंख्यक समुदाय की डेढ़ दर्जन दुकानों में लगाई आग !

 


राजस्थान में अभी पंचायत चुनाव का दौर चल रहा है. चुनाव के दौरान हो रही छुटपुट घटनाओं के बीच धौलपुर जिले में एक बड़ी घटना सामने आई है जिसमें सरपंच का चुनाव हारने पर प्रत्याशी के गुस्साए परिजनों ने एक समुदाय विशेष की डेढ़ दर्जन दुकानों में आग लगा दी.

धौलपुर जिले के सैपऊ कस्बे के बसेड़ी तिराहे पर कब्रिस्तान की दुकानों में 5 अक्टुबर को रात करीब 1 बजे अचानक आग लग गई जिसमें करीब डेढ़ दर्जन दुकानें जलकर राख हो गई. दुकानों में रखा लाखों का सामान भी जलकर स्वाहा हो गया.

मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में 3 अक्टूबर 2020 को हुए सरपंच के चुनाव में पूर्व सरपंच के पति जितेंद्र परमार की एक हजार से अधिक वोटों से करारी हार हुई थी. इस हार से गुस्साए प्रत्याशी जितेंद्र परमार के परिजनों ने समुदाय विशेष के लोगों को हार का जिम्मेदार मानते हुए 5 अक्टुबर को दिन में कुछ लोगों को कब्रिस्तान कि दुकानों में आग लगाने की धमकी दी थी. पीड़ितों का आरोप है कि प्रत्याशी जितेंद्र परमार के परिजनों ने ही हार से बौखला कर रात को दुकानों में यह आग लगाई है.

आधा दर्जन लोगों के खिलाफ नामजद दर्ज करवाया मुकदमा

मिली जानकारी के अनुसार पीड़ित परिवार के लोगों ने करीब आधा दर्जन लोगों के खिलाफ नामजद आगजनी का मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने हरेंद्र, नारद, नारायण सिंह, छोटू, रव्वा आदि के खिलाफ मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

पीड़ित परिवार और समुदाय विशेष के लोगों ने धौलपुर जिला कलेक्टर को भी शिकायत पत्र दिया है. शिकायत पत्र के माध्यम से दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के साथ गरीब दुकानदारों के लिए उचित मुआवजे की भी मांग की गई है.

बाड़ी नगर पालिका के चेयरमैन इरफान अहमद ने जानकारी देते हुए बताया कि बीती रात सरपंच का चुनाव हारे प्रत्याशी के परिजनों ने ही हार से बौखला कर समुदाय विशेष को निशाना बनाते हुए डेढ़ दर्जन दुकानों को आग लगाई है. ये सभी गरीब दुकानदारों की अस्थाई दुकानें थी. इस मामले में हमने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही और पीड़ितों को उचित मुआवजा देने की मांग की है.

इस घटना के बाद मौके पर भारी पुलिस जाब्ता भी तैनात किया गया है. क्षेत्र में अभी भी तनाव की स्थिति बनी हुई है. आरोपी पीड़ितों को डरा धमका कर शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे हैं. पीड़ितों ने डीजीपी राजस्थान को पत्र लिखकर आरोपियों द्वारा जान से मारने की धमकी देने की शिकायत की है. पीड़ितों ने डीजीपी से यह भी गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए और पीड़ितों को सुरक्षा दी जाए.

धौलपुर पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत ने बताया कि, ” सैंपऊ कस्बे के बसेड़ी तिराहे के पास स्थित करीब डेढ़ दर्जन दुकानों में आग लगी थी. कोई भी पक्की दुकान नहीं जली है, जो दुकानें जली है वो छप्पर,फूस और लकड़ी की गुमटियां थी. पुलिस को अभी एफ एस एल रिपोर्ट का इंतजार है उसके बाद ही आग लगने के कारणों का पता लग सकेगा. गांव वाले सरपंच चुनाव में हारे हुए एक प्रत्याशी पर शक जाहिर कर रहे हैं. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. इस मामले में अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है. पुलिस जांच कर रही है, गांव के हालात पर हमारी पूरी नजर है.”

सैंपऊ गांव के अकबर खान उस्मानी ने बताया कि,” आरोपी हारा हुआ सरपंच प्रत्याशी, क्षेत्रीय विधायक और पुलिस अधीक्षक सभी ठाकुर जाति के लोग हैं इसलिए आरोपियों पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है. आरोपी पीड़ितों को डरा धमका कर एफआईआर वापस लेने का भी दबाव बना रहे हैं. आगजनी में सब्जी, फ्रूट, किराना, मिठाई की करीब 20 दुकानों में आग लगी है जिससे उनमें रखा सारा समान जलकर राख हो गया है. इसमें गरीब दुकानदारों का लाखों का नुकसान हो गया है.”

अकबर आगे कहते हैं कि,” सरपंच चुनाव में हारे हुए प्रत्याशी जितेंद्र परमार के परिजनों ने हार का ज़िम्मेदार मुसलमानों को बताते हुए दिन में ही दुकानों में आग लगाने की धमकी दी थी और रात को दुकानों में आग लगा दी. हमारी प्रशासन से यही मांग है कि आरोपी दबंग जाति के लोग हैं इसलिए पीड़ितों को सुरक्षा दी जाए और आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए साथ ही पीड़ितों को उचित मुआवजा भी दिया जाए.”

चुनाव में किसी की हार होती है और किसी की जीत लेकिन हार जाने के बाद वोट ना देने का आरोप लगा कर समुदाय विशेष की दुकानों में आग लगा देना यह लोकतंत्र नहीं है !

( यह रिपोर्ट मूलतः इंडिया टुमारो में प्रकाशित की गई है)

(साभार: इंडिया टुमारो)


 

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