कृषि बिजली बिल सब्सिडी बन सकती है गहलोत सरकार के लिए मुसीबत!

राजस्थान में कांग्रेस सरकार गठित होते ही जल्दबाजी मे सरकार ने बिना कोई खास होमवर्क किये किसानों की कर्ज माफी की घोषणा कर दी।

जिसमें अनेक खामियां रहने के कारण आम किसानों को  इस घोषणा से जो फायदा होना चाहिये था वो नहीं हुआ।

आम किसानों को फायदा ना होकर भाजपा सरकार के समय हुई कर्ज माफी की घोषणा से जिन किसानों को फायदा पहुंचा था उसी केटेगरी वाले किसान को दोहरा फायदा पहुंचा।

इस तरह की खामियों वाली कर्ज माफी से सरकार के पक्ष में माहोल बनने की बजाय किसानों मे असंतोष व आक्रोश का माहोल बना।

जिसके कारण किसानों ने लोकसभा चुनाव मे कांग्रेस उम्मीदवारों के खिलाफ मतदान करके अपने आक्रोश को शांत किया।

उक्त कर्जमाफी घोषणा से राजस्थान सरकार सबक लेने की बजाय अब कृषि बिजली कनेक्शन में पैसा कुुुछ दिन सरकार के पास रहने के लालच के चलते कृषि बिजली कनेक्शन के बिल मे सीधे तोर पर सबसिडी देने वाली प्रक्रिया के बजाय किसान को पहले बिल की पूरी राशि जमा करानी होगी फिर बैंक के मार्फत सबसिडी पानी होगी।

इस तरह की सबसिडी पाने की जटिल प्रक्रिया के शूरु होने पर मोजूदा सरकार को किसानों की सख्त नाराजगी झेलनी पड़ेगी।

इस जटिल प्रक्रिया मे उस किसान के नाम से बैक मे खाता खुलवाया पड़ेगा जिसके नाम से बिल आता है। अधीकांश कनेक्शन के काफी पूराने होने के कारण कनेक्शनधारी की मृत्यु भी हो चुकी है। लेकिन उनके वारिस उसी कनेक्शन को मजबूरी में चालू रखते है। क्योंकि नया कनेक्शन मिलना मुश्किल होता है। वही पुराना कनेक्शन कटवाने पर दूसरा कनेक्शन मिलना भी मुश्किल है।

उक्त योजना के सामने भोलेभाले व आर्थिक रुप से कमजोर किसान बीरादरी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

कुछ महिनो मे स्थानीय निकाय व पंचायत चुनाव आने वाले है। जिसके कारण किसानों मे उत्पन्न होने वाले गुस्से के इजहार से सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

इस योजना की तरह ही पूर्व में केंद्र की कांग्रेस सरकार ने घरेलू गैस पर सबसिडी बैंक खाते के मार्फत देना शुरु करने के बाद से केंद्र मे अभी तक कांग्रेस सरकार गठित नही हो पाई है।

-अशफ़ाक़ कायमखानी

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