राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य युवाओं में ज्ञान, चरित्र और कौशल का विकास करना

सीकर। शनिवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय, सीकर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रभावी क्रियान्वयन में शिक्षक समुदाय की भूमिका विषय पर एक संवाद-परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर अनिल कुमार राय ने की। मुख्य वक्ता के रूप में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव श्रीयुत डॉ अतुलभाई कोठारी उपस्थित थे।

प्रोफेसर अनिल कुमार राय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के महत्व पर प्रकाश डाला और इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत के शिक्षा तंत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखती है।

डॉ अतुलभाई कोठारी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न घटकों जैसे भारतीय ज्ञान परंपरा का समायोजन, व्यावहारिक ज्ञान, मूल्य-आधारित शिक्षा और कौशल विकास के बारे में बताया।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य युवाओं में ज्ञान, चरित्र और कौशल का विकास करना है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन में शिक्षक समुदाय की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों और लक्ष्यों को समझने और उन्हें अपने शिक्षण में शामिल करने की आवश्यकता है। उन्होंने विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालओं में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये टॉस्क फ़ोर्स के गठन तथा समय-समय पर कार्यशालाओं और संगोष्ठियों के आयोजन की जरूरत पर जोर दिया।

पत्रकारिता विभाग के सहायक आचार्य रहीम खान ने बताया कि कुलसचिव राकेश कुमार गुप्ता ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ रवींद्र कटेवा ने किया।

इस अवसर पर सहायक कुलसचिव डॉ संजीव कुमार, प्रो. रणवीर सिंह, प्रो. यशपाल, प्रो राजेंद्र सिंह, विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के डीन, अध्ययन बोर्ड के सदस्य, विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य व शिक्षकगण, तथा विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं स्टाफ सदस्य मौजूद रहे। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रभावी क्रियान्वयन में एक महत्वपूर्ण कदम था।

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