राजस्थान : विधानसभा में नया विधेयक पेश, मोब लिंचिंग की तो जीवन भर जेल में रहना पड़ेगा !


कल राजस्थान विधानसभा में मोब लिंचिंग और ऑनर किलिंग के ख़िलाफ़ एक विधेयक पेश हुआ जिसे राजस्थान लिंचिंग से संरक्षण विधेयक 2019 का नाम दिया गया !

पिछले दो तीन साल में देश के अलग-अलग स्थानों पर धर्म,जाति,और गाय के नाम पर लोगों को घेर कर मारने की नई घटनाओं में बहुत तेज़ी से वृद्धि हुई है! पिछले दिनों झारखंड में तबरेज़ अंसारी की भीड़ के द्वारा पीट पीट कर हत्या कर दिए जाने का मामला पूरे देश में उबाल का कारण बना था!

तबरेज़ अंसारी को उसकी धार्मिक पहचान के चलते धार्मिक कट्टरपंथियों द्वारा गुंडा गर्दी का शिकार बनाया गया था ! इसी तरह जाति के आधार पर दलितों के साथ ही देश में लगातार घेर कर मारने की घटनाएँ बढ़ रही है जिसमें कुछ वर्ष पहले गुजरात के ऊना में दलितों को भीड़ द्वारा घेर कर मारने की घटना ने देश के और न्यायप्रिय लोगों को झककोर कर रख दिया था!

 

दादरी में बीफ के नाम पर की गई मोहम्मद अख़लाक़ की हत्या ने पूरी दुनिया में देश की छवि को दाग़दार किया था!

देश में बढ़ रहे इस भीड़तंत्र नुमा गुंडा राज के विरुद्ध हालाँकि केंद्र सरकार को एक सख़्त क़ानून लाने की ज़रूरत थी परंतु केंद्र सरकार ने पिछले पाँच साल में संसद का आधे से ज़्यादा समय तीन तलाक़ बिल और लोकतंत्र को मज़बूत करने वाले सूचना के अधिकार क़ानून के गला घोटने में ही बर्बाद कर दिया!

राजस्थान में गाय के नाम पर पहलु खान की पीट पीट कर हत्या करदी गयी थी!वहीं राजसमंद में भी एक मुस्लिम मज़दूर की सरे आम पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी थी ! 

हालाँकि इस मामले में राजस्थान सरकार ने विधानसभा में मॉबलिंचिंग के विरुद्ध एक सख़्त क़ानून बनाने की दिशा में सकारात्मक क़दम उठाया है!

आइए जानते हैं आख़िर यह विधेयक क्या है और इस अपराध में कितनी सजा़ का प्रावधान किया गया है! इस विधेयक का नाम है राजस्थान लिंचिग संरक्षण विधेयक 2019 रखा गया है !

इसमें मोब की जो परिभाषा दी गई है वो यह है कि दो या दो अधिक व्यक्ति मॉब यानी भीड़ ही माने जाएंगे!

सज़ाओं का प्रावधान 

इस अपराध में जिन सज़ाओं का प्रावधान किया गया है वो भी काफ़ी सख़्त हैं अगर पीड़ित को हल्की चोटें आईं तो अपराधी को 7 साल की जेल और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा! अगर पीड़ित को बोहोत ज़्यादा चोटें आईं तो अपराधी को 10 साल की जेल होगी एवं जुर्माना तीन लाख रुपया होगा!

यदि पीड़ित की मृत्यु हो जाती है तो अपराधी को उम्र क़ैद और पांच लाख तक का जुर्माना हो सकेगा !

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