बच्चों को डॉक्टर, इंजिनियर बनाने के साथ नेक इंसान बनाने पर भी ध्यान दें

छबड़ा। उम्मीद फाउंडेशन छबड़ा द्वारा रविवार को कस्बे के हिलव्यू होटल में मुस्लिम समाज का प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में मुस्लिम समाज के 90 होनहार छात्र-छात्राओं, राजकीय सेवाओं में कार्यरत कर्मियों, नए हाफिज आलिम और उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत हाफिज शाकिर ने तिलावत ए कुरान से की।

अध्यक्ष यासीन खान और सदस्य सैयद खिज़्र अली ने बताया कि इस समारोह का आयोजन समाज के प्रतिभावान लोगों को प्रोत्साहित करने और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने के लिए किया गया था।

समारोह में मुख्य अतिथि सईद अहमद (रिटायर्ड आरएएस), मंजूर अली दिवान (तहसीलदार), विशिष्ट अतिथि मोहम्मद सादिक (नायब तहसीलदार), मौलाना इज़हार हुसैन (शहर काज़ी), अताउर रहमान (आरएसइबी), अब्दुल हफीज रेंजर और डॉ अशफाक अहमद रहे । कार्यक्रम की अध्यक्षता रिटायर्ड कॉलेज प्रिंसिपल प्रोफ़ेसर डॉ आईडी खान ने की।

मुख्य अतिथि रिटायर्ड आरएएस अधिकारी सईद अहमद ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हमें 10वीं, 12वीं के बाद नहीं नर्सरी से ही बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक हम शुरू से ही बच्चों की नींव मजबूत नहीं करेंगे तब तक हमारे बच्चे उच्च पदों पर आगे नहीं जा पाएंगे। उन्होंने बच्चों की पढ़ाई में शुरू से ही विज्ञान और गणित पर विशेष ध्यान देने पर ज़ोर दिया। 

तहसीलदार मंजूर अली दीवान ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए अपने बच्चों को ज्यादा से ज्यादा प्रशासनिक सेवाओं में भेजने का आह्वान किया। उन्होंने बच्चों को ज़्यादा से ज़्यादा शिक्षा प्राप्त करने और समाज में अपना योगदान देने के लिए प्रेरित किया।

नायाब तहसीलदार मोहम्मद सादिक ने शिक्षा का महत्व बताते हुए कहा कि शिक्षा हासिल करने के लिए अगर हमें चीन भी जाना पड़े तो हमें अपने बच्चों को भेजना चाहिए। आज का जमाना उच्च शिक्षा का है, हमें हमारे बच्चों को आला तालीम दिलानी चाहिए।

शहर काज़ी मौलाना इज़हार ने कहा कि हमें हमारे बच्चों को डॉक्टर, इंजिनियर बनाने के साथ साथ नेक इंसान बनाने पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बच्चों को कहा कि हम चाहे किसी भी पोस्ट पर पहुंच जाएं हमें ईमान पर कायम रहना है और ईमानदारी से अपना काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें हमेशा यह ख्याल रखना चाहिए कि कोई देखे या ना देखे अल्लाह हमें देख रहा है और कयामत के दिन हमें हमारे सभी कर्मों का हिसाब देना होगा।

विशिष्ट अतिथि अताउर रहमान ने कहा कि हमें हमारे बच्चों को मॉडर्न एजुकेशन के साथ साथ दीनी तालीम देने पर भी ध्यान देना चाहिए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे रिटायर्ड कॉलेज प्रिंसिपल प्रोफ़ेसर डॉ आईडी खान ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा की वो कुरान हाफिज बनने के बाद केमिस्ट्री के प्रोफ़ेसर बने। उन्होंने बच्चों को मोटिवेट करते हुए कहा कि परिस्थितियां चाहे कैसी भी हो हमें हिम्मत नहीं हारनी है। हौंसला रखते हुए हमें अपने लक्ष्य को हासिल करना है।

कार्यक्रम के अंत में मौलाना आरिफ नदवी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर रहीम खान ने किया।

कार्यक्रम में पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष निज़ामुद्दीन खान, पालिका उपाध्यक्ष अबरार अहमद सिद्दीकी और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।

उम्मीद फाउंडेशन के शफीक खान, वसीम खान, रिजवान खान, शादाब मंसूरी और इरफान खान सहित अन्य सदस्यों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

यह समारोह मुस्लिम समाज के लिए एक प्रेरणादायक कार्यक्रम था और इसने समाज के प्रतिभावान लोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

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