सरकारी बालिका गृह में ही 42 में से 29 बच्चियों के साथ बलात्कार होता रहा और बिहार सोता रहा

बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह यौन शोषण मामले में एक के बाद एक नये खुलासे हो रहे हैं। खुलासों से यह साफ हो रहा है कि किस तरह वहां रह रही बच्चियों के साथ दुराचार किया गया। यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद यहां रहने वाली 42 लड़कियों की मेडिकल जांच की गई जिसमें 29 लड़कियों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। इनमें एक सात साल की लड़की भी शामिल है जिसके साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई है।एक लड़की ने अपने बयान में खुलासा किया है कि वहां रहने वाली एक लड़की की हत्या के बाद उसे दफना दिया गया था। बच्ची के बयान की पुष्टि मुजफ्फरपुर की एसएसपी हरप्रीत कौर ने भी की है।

बिहार शेल्टर होम में 42 में से 29 के साथ रेप की पुष्टि होने के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि राज्य के आग्रह पर ही मामले की CBI जांच करवाई जाएगी।
वैसे मुजफ्फरपुर के सरकारी शेल्टर होम में हुई इस घटना को एक ‘गंभीर मामला’ बताते हुए राजनाथ सिंह ने सीबीआई को जांच सौंपने का मानदंड माना है.

लोकसभा में सुपौल से कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने शून्यकाल के दौरान पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की. रंजीत रंजन ने कहा कि इस घटना ने पूरे देश को शर्मिंदा कर दिया है. बिहार से सांसद पप्पू यादव ने भी सोमवार को शेल्टर होम में दुष्कर्म मामले में सीबीआई जांच की मांग लोकसभा में उठाई थी.

बिहार के डीजीपी केएस द्विवेदी का कहना है कि शेल्टर होम में रह रहीं 44 में से 42 लड़कियों का मेडिकल टेस्ट हुआ है, जिसकी जांच में 29 के साथ सेक्सशुल कॉन्टैक्ट की बात समाने आई है. अन्य दो लड़िकयों की तबीयत सही नहीं होने की वजह से उन्हें मंगलवार दोपहर तक जांच के लिए नहीं भेजा गया था। मामले में पुलिस ने 11 में से 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में 42 में से 29 लड़कियों के साथ रेप के मामले की बिहार सरकार सीबीआई जांच नहीं करवा रही है। बिहार की विपक्षी पार्टियां सरकार पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगा रही हैं।

बालिका गृह में यौन शोषण मामले में राजद नेता तेजस्वी यादव ने सीबीआई जांच कराने की मांग की है। तेजस्वी यादव की मांग है कि इस मामले की जांच हाई कोर्ट की निगरानी में की जाए।

बिहार के मुजफ्फरपुर में एक बालिका आश्रय गृह में रह चुकी एक लड़की ने आरोप लगाया था कि उसकी एक साथी के साथ रेप किया और फिर उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी। हत्या करने के बाद उसे परिसर में ही दफना दिया गया। इन आरोपों के बाद बिहार पुलिस ने जांच शुरु की और शव को ढूंढ़ने के लिए उन्होंने बालिका आश्रय गृह के परिसर में खुदाई भी की।

मुंबई के एक संस्थान के सामाजिक ऑडिट में इस बालिका आश्रय गृह की लड़कियों का यौन शोषण का मामला सामने आया था, जिसके बाद राज्य के समाज कल्याण विभाग ने पिछले महीने प्राथमिकी दर्ज की थी और इस सिलसिले में 10 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पुलिस अधिकारी का कहना है कि इस बालिका आश्रय गृह को चलाने वाले एनजीओ को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया है। इस बालिका आश्रय गृह को सील कर दिया गया है और वहां की लड़कियों को अन्य जिलों के बालिका आश्रय गृहों में भेज दिया गया है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का आरोप है कि इस कांड में ऊंची पहुंच वाले कई लोग शामिल हैं, जिन्हें नीतीश कुमार सरकार बचाने का प्रयास कर रही है।

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