गहलोत बोले ये अनैतिकता, पवार बोले “हमने नहीं दिया समर्थन ये अजीत पवार का फ़ैसला!”


महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद ऐसी स्थिति बनी की भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री की लड़ाई बढ़ती चली गई बाद में कई दिनों तक यह घटनाक्रम चला कि NCP और कांग्रेस मिलकर शिव सेना को मुख्यमंत्री पद तक ले जाएगी!

लेकिन आज सुबह सुबह जो हुआ वह तो किसी ने भी नहीं सोचा था दरअसल NCP के अजीत पवार ने उप मुख्यमंत्री और भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री की शपथ ले ली इस पर अब तरह तरह की प्रतिक्रियाएं आ रहे हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने तो दोनों को बधाई देदे दी है

वहीं शिवसेना ने प्रेस कॉन्फ़्रेन्स में कहा है कि अजीत पवार ने शरद पवार को धोखा दिया है यह बात शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कही!

इसके बाद NCP प्रमुख शरद पवार का भी ट्वीट आया है उन्होंने कहा है कि इस फ़ैसले का मैं समर्थन नहीं करता यह फ़ैसला NCP का नहीं है यह फ़ैसला अजीत पवार का  व्यक्तिगत है!

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ अजित पवार के मीसाथ सिर्फ़ 18 विधायक हैं अगर भाजपा के 105 विधायकों को मिला भी दिया जाए तो कुल संख्या 123 हो जाती है लेकिन महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए बहुमत 145 चाहिए ऐसे में क्या यह सरकार टिक पाएगी या नहीं इस पर संशय है!

वही लोग इस बात पर भी सवाल उठा रहे हैं कि सुबह होने से पहले ही राष्ट्रपति शासन हटना और उसके बाद शपथ ले लेना महाराष्ट्र की जनता के साथ धोखा है वहीं संवैधानिक अधिकारों और मूल्यों का भाजपा ग़लत इस्तेमाल कर रही है

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है उन्होंने कहा है कि

“महाराष्ट्र में जो हुआ वह छिपकर करने की क्या आवश्यकता थी, इस प्रकार अचानक राष्ट्रपति शासन का हटना और इस प्रकार शपथ दिलाना कौनसी नैतिकता है?

ये लोग देश में लोकतंत्र को किस दिशा में ले जा रहे हैं? समय आने पर देशवासी इसका जवाब देंगे और बीजेपी को सबक सिखाएंगे।

इस माहौल में फडणवीस जी मुख्यमंत्री के रूप में कामयाब हो पाएंगे, यह डाउटफुल है… सीएम और डिप्टी सीएम दोनों ने गिल्टी कॉन्शियस होकर शपथ ली है वे गुड गवर्नेंस दे पाएंगे इसमें संदेह है जिसका नुकसान महाराष्ट्र की जनता को होगा।

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