जनसंगठनों ने नितीश कुमार से पूछा, मज़दूरों के पास स्मार्टफोन नहीं है सहायता राशि कैसे मिलेगी ?


राजस्थान के विभिन्न जन-संगठनो ने एक संयुक्त ज्ञापन के माध्यम से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजस्थान मेंं रह रहे बिहारी मजदूरों की समस्या से अवगत करवाया है।

ज्ञापन बिहार के प्रवासी मजदूर जो राजस्थान में लॉकडाउन के कारण फंसे हुए हैं उनकी मदद किये जाने के सम्बन्ध में दिया गया है।


ज्ञापन में जन संगठनों ने मुख्यमंत्री को लिखा है कि,

आप भलीभांति जानते हैं कि बिहार के मजदूर देश के कई राज्यों में फंसे हुए हैं और राजस्थान उनमें से एक राज्य है।

यहाँ बड़ी तादाद में बिहार के मजदूर कई फैक्ट्री, कई अन्य प्रकार की कंपनियों के साथ दिहाड़ी व प्रति नग पर भी काम करते हैं.

राजस्थान सरकार द्वारा 21 मार्च व केंद्र सरकार द्वारा 25 मार्च से राष्ट्रीय लॉकडाउन कर देने की बजह से जो व्यक्ति जहाँ था वह वहीँ फंसकर गया और उनका काम भी बंद हो गया.

बिहार के जो मजदूर जयपुर व राजस्थान के अन्य जिलों में काम कर रहे हैं वे अधिकतर असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं और वे 8-10 हजार रुपये प्रति महीने ही कमा पाते हैं.

इस मजदूरी से वे यहाँ पर कमरा किराये पर लेकर रहते हैं और खाने का खर्च भी उठाते हैं। अधिकतर पैसा बचाकर अपने घर पर बाल- बच्चों को भेजते हैं जिससे उनका घर वहां बिहार में चलता है.

राजस्थान में जयपुर के सीतापुरा, विश्वकर्मा, सांगानेर आदि औद्योगिक क्षेत्रों में लाख से भी अधिक बिहार के मजदूर काम करते हैं और अभी 50 हजार से अधिक मजदूर लॉकडाउन के दौरान जयपुर में ही फंसे हुए हैं.

मजदूर लॉकडाउन के कारण भूखों मरने की स्थिति में हैं इनके पास इतने दिन होने के बाद अब खाने को कुछ बचा नहीं है. इनको इनके ठेकेदार या कंपनी द्वारा इनका बकाया का भी भुगतान नहीं किया जा रहा है.

राजस्थान के सिविल सोसाइटी आर्गेनाईजेशन एवं यूनियनों की ओर से शुरुआत में इनमें से कुछ हजार को का पका पकाया भोजन प्रदान किया जा रहा था.

बाद में राजस्थान सरकार विशेष तौर पर जयपुर जिला प्रशासन के साथ पैरवी के बाद सीतापुरा औद्योगिक इलाके में 5 मजदूरों को 5 किलो आटा, एक किलो चावल, एक किलो दाल, आधा लीटर तेल व नमक दिया गया है।

उसे दिए हुए 10 दिन हो चुके है और अब लगभग इन मजदूरों के पास राशन समाप्त हो चुका है.

जयपुर जिला प्रशासन व नगर निगम जयपुर द्वारा इन्हीं इलाकों में पुन: राशन बांटना तो शुरू किया है लेकिन उसकी मात्रा बहुत कम है.

सूखे राशन के अलावा अन्य जरुरत की चीजों के लिए इनके पास बिल्कुल पैसा नहीं है.

आपके द्वारा बिहार से बाहर फंसे बिहार के मजदूरों के लिए बिहार कोरोना सहायता एप के जरिये 1000 रुपये दिए जाने का ऐलान किया है।

उसके लिए कुछ विशेष आवश्यकताएं हैं जिन्हें हर मजदूर पूरी नहीं कर पा रहा है जिससे सभी को यह सहायता राशि नहीं मिल पा रही है.


इस सहायता राशि को प्राप्त करने में जो मुश्किलें आ रही हैं वह निम्न प्रकार हैं:-

1. स्मार्टफोन का नहीं होना

2. बैंक अकाउंट नहीं होना

3. कुछ मजदूरों के पास नॉर्मल / फीचर फ़ोन भी नहीं होना

4. कुछ के पास बिहार से बाहर के बैंक अकाउंट होना

5. कुछ मजदूरों ने ऑनलाइन आवेदन कर दिया है और सक्सेस भी दिखा रहा है लेकिन पैसे अभी तक उनके खाते में नहीं आये हैं


इन परेशानियों को देखते हुए हमारा आपसे आग्रह है कि

* बिहार के सभी मजदूर जो राजस्थान में फंसे हुए हैं उनको यह सहायता राशि तत्काल मिले उसके लिए उचित व्यवस्था करवाई जाये.

* बिहार कोरोना आपदा सहायता एप के लिए जो हेल्पलाइन नंबर दे रखे हैं उनमें से अधिकतर स्विच ऑफ है और कोई चालू भी है तो वह फ़ोन उठता नहीं है इसलिए बिहार के प्रवासी मजदूरों के लिए एक व्यवस्थित हेल्पलाइन भी शुरू की जाये.

* अधिकतर मजदूर अपने घर बिहार वापस जाना चाहते हैं लेकिन राष्ट्रीय लॉकडाउन की वजह से वो जा नहीं पा रहे हैं। जिस प्रकार उत्तरप्रदेश सरकार ने छात्रों को राजस्थान के कोटा से निकाला है वैसे ही इन मजदूरों के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय से बातचीत करके उन्हें बुलाने की अनुमति ली जाये। यहाँ से बिहार जाने की व्यवस्था निःशुल्क की जाए । इनके पास अब किराये के लिए पैसा बिल्कुल नहीं बचा है.

हमें पूरा विश्वास है कि आपदा के इस समय में बिहार के मजदूर साथियों की मदद आप अवश्य करेंगे और उन्हें 1000 रुपये की सहायता भी दिलवाएंगे और उन्हें निःशुल्क और सुरक्षित वापस बिहार बुलाएँगे.


ज्ञापन देने वालों में निम्नलिखित संगठन शामिल हैं

· पीयूसीएल राजस्थान – कविता श्रीवास्तव, अनंत भटनागर, भंवर लाल कुमावत (पप्पू),

· एन ए पी एम राजस्थान – अखिल चौधरी

· सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज, राजस्थान – कोमल श्रीवास्तव, हेमंत मोहनपुरिया, बाबूलाल व नविन महिच

· निर्माण एवं जनरल मजदूर यूनियन – हरिकेश बुगालिया

· मजदूर किसान शक्ति संगठन – निखिल डे

· राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन – मुकेश गोस्वामी

· सूचना का अधिकार मंच – कमल टांक

· भारत ज्ञान विज्ञानं समिति – अनिल

· हेल्पिंग हैंड्स जयपुर – नईम रब्बानी, डॉ राशिद हुसैन, नुरुल अबसार

· जमाते इस्लामी हिन्द राजस्थान – मो. नाजिमुद्दीन, वकार अहमद

· पिंक सिटी हज एंड एजुकेशन वेलफेयर सोसाइटी – अब्दुल सलाम जोहर


ज्ञापन की प्रतिलिपि आवश्यक कार्यवाही हेतु उपमुख्यमंत्री, बिहार सरकार और नेता प्रतिपक्ष, बिहार राज्य विधानसभा को भी भेजी गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *