क्या RU के छात्रों की कब्र पर रखी गई हरिदेव जोशी पत्रकारिता यूनिवर्सिटी की नींव !


राजस्थान यूनिवर्सिटी के जन संचार केंद्र का भविष्य हरिदेव जोशी पत्रकारिता यूनिवर्सिटी फिर शुरू होने के बाद लगातार अधर में लटका हुआ है। एचजेयू शुरू होने के बाद लगातार कई विवाद सामने आते रहे हैं। ताजा विवाद बीते सोमवार, 4 नवंबर का है जब विभाग के छात्र जब इंटरनल परीक्षा देने पहुंचे तो उन्हें परीक्षा स्थगित होने और विभाग के एचओडी हटाए जाने की सूचना मिली, जिसके बाद छात्रों ने विभाग के ताला जड़कर प्रदर्शन किया.

छात्र इसके बाद यूनिवर्सिटी गेट और वीसी ऑफिस के बाहर पहुंचे, जहां उन्हें वीसी कार्यालय से एकेडमिक काउंसिल में विभाग का भविष्य तय करने का आश्वासन मिला।

आपको बता दें कि अशोक गहलोत के फिर से कार्यभार संभालने के बाद हरिदेव जोशी पत्रकारिता यूनिवर्सिटी को फिर शुरू करने का फैसला लिया गया, जिसके बाद एचजेयू के पूरे स्टाफ को फिर से वहां लगाया गया और आरयू के छात्रों के लिए गेस्ट फैकल्टी नियुक्त करने का फरमान जारी हुआ।

सरकार एचजेयू शुरू करने के साथ राजस्थान यूनिवर्सिटी के जन संचार केंद्र को बंद करना चाहती थी, जिसके बाद यूनिवर्सिटी में कई छात्र संगठनों ने इसका विरोध किया जिसके बाद सिंडीकेट की मीटिंग हुई।

राजस्थान यूनिवर्सिटी के जन संचार केंद्र पर लगा ताला

सिंडीकेट की मीटिंग में यह फैसला लिया गया कि जन संचार केंद्र को बंद नहीं किया जाएगा और नए सत्र से यहां सिर्फ जेएमसी के लिए नए छात्रों का एडमिशन होगा और कोर्स को SFS किया जाएगा, जिसके बाद आरयू के सत्र 2019-20 में 30 सीटें रखी गई, और विभाग की अस्थायी जिम्मेदारी डॉ विनोद शर्मा को दी गई।

आखिरी बार जब अक्टूबर में सिंडीकेट मीटिंग हुई तब हरिदेव जोशी पत्रकारिता यूनिवर्सिटी और राजस्थान यूनिवर्सिटी जनसंचार विभाग में चल रहे विवाद पर फिर चर्चा हुई. जिसके बाद यह फैसला लिया गया कि जनसंचार विभाग के इस मामले और भविष्य पर एकेडमिक काउंसिल फैसला लेगी जिसकी मीटिंग जून में होगी।

वहीं हाल में हुए विवाद पर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर आर.के. कोठारी ने भी फिर यही आश्वासन दिया कि एकेडमिक काउंसिल इस पर निर्णय लेगी और छात्रों के भविष्य का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

इस मसले पर जनमानस राजस्थान से बात करते हुए जन संचार के अस्थायी हेड डॉ विनोद शर्मा कहते हैं कि, जन संचार केंद्र अभी बंद नहीं किया गया है. विभाग अभी चल रहा है और चलेगा. सिंडीकेट ने यह फैसला किया था कि विभाग की जिम्मेदारी हिंदी या अंग्रेजी के किसी हेड को दी जाएगी.

वहीं हाल में MJMC छात्रों की रद्द हुई परीक्षाओं पर शर्मा का कहना है कि परीक्षाओं का टाइम टेबल कुछ दिनों में जारी कर दिया जाएगा, फिलहाल मैंने यूनिवर्सिटी प्रशासन और राज्यपाल स्तर पर इस मामले में अवगत करवा दिया है वो इस पर अब आगे फैसला लेंगे।

आरयू के जनसंचार केंद्र के बंद होने की अफवाहों पर बोलते हुए पूर्व विभागाध्यक्ष संजीव भानावत कहते हैं, “पिछले 30 सालों से चल रहे किसी विभाग को ऐसे कैसे बंद किया जा सकता है? अगर यूनिवर्सिटी प्रशासन के पास पर्याप्त फैकल्टी नहीं है तो गेस्ट फैकल्टी से इसे चलाया जाता रहना चाहिए”।

वहीं विभाग के भविष्य की चिंता जताते हुए थर्ड सेमेस्टर की छात्रा अक्षु शर्मा कहती हैं, “जब से हरिदेव जोशी यूनिवर्सिटी खुली है तब से हम डांवाडोल हो गए हैं, यूनिवर्सिटी को यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि उसकी मंशा विभाग को चलाने की है या नहीं” ?

हाल में विभाग के फर्स्ट और थर्ड सेमेस्टर के रद्द हुए इंटरनल एग्जाम के बाद वाइस चांसलर ऑफिस के सामने विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए छात्र रवि चौधरी कहते हैं, “विभाग बंद नहीं हुआ है और कोई भी गरीब तबके से आने वाला छात्र यह नहीं चाहता कि विभाग पर ताला लगे. हमें वीसी सर से एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में इस मसले के समाधान निकालने का आश्वासन मिला है, देखते हैं अब प्रशासन क्या निर्णय करता है”।

गौरतलब है कि राजस्थान यूनिवर्सिटी जन संचार केंद्र 30 सालों से च रहा है. पत्रकारिता कोर्स में एक साल के डिप्लोमा कोर्स से पीजी स्कूल ऑफ कॉमर्स भवन में अप्रैल 1991 में केंद्र की शुरूआत हुई थी. जिसे 2000 में एक विभाग का दर्जा मिला और 2002 तक यहां मास्टर कोर्स शुरू किया गया।

हरिदेव जोशी पत्रकारिता यूनिवर्सिटी बनी सरकारों की साख का मुद्दा

आपको बता दें कि राजस्थान की गहलोत सरकार ने 2018 में सत्ता में वापसी करते ही पहली कैबिनेट मीटिंग में हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय (एचजेयू) और आंबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी को फिर से शुरू करने का फैसला लिया.

दोनों ही विश्वविद्यालयों को पिछली वसुंधरा सरकार (2013-18) ने अजीबोगरीब कारणों का हवाला देकर बंद कर दिया था. बंद औऱ फिर शुरू करने का यह खेल देखते ही देखते गहलोत सरकार की साख से जुड़ गया।

फिलहाल राजस्थान यूनिवर्सिटी जनसंचार केंद्र के सभी छात्र असमंजस में है कि उनकी डिग्री का क्या होगा, कब उनकी परीक्षाएं होंगी !

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *