राजस्थान में जल्दी ही बदलेंगे भाजपा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष!

लोकसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद राजस्थान मे होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव , कृषि उपज मण्डी चुनाव के अलावा सहकारी समिति व बैको के चुनाव से पहले राजस्थान मे सत्तारूढ़ कांग्रेस व केंद्र मे सत्तारूढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट व मदनलाल सैनी के जल्द बदले जाने की सम्भावना जताई जा रही है।

हाल ही मे लोकसभा चुनाव मे भारी बहुमत मिलने के बाद केंद्र मे भाजपा सरकार के गठन के समय राजस्थान से पूर्व केन्द्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिह राठौड़ का मंत्री पद की शपथ लेने वालों की सूची से नाम बाहर होने के बाद राजनीतिक हलको मे चर्चा गरम है कि संघ व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करीबी माने जाने वाले जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्धन सिह राठौड़ को पार्टी मे अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। उस अहम जिम्मेदारी मे राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद की सम्भावना जताई जा रही है।

लोकसभा चुनाव मे करारी हार से आहत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी व उनकी बहन प्रियंका गांधी के सीडब्ल्यूसी की बैठक मे कांग्रेस नेताओं को परोक्ष रुप से निशाने पर लेते हुये कड़े प्रहार करने के बाद लगने लगा है कि अब राहुल गांधी कांग्रेस को पूरी तरह फ्री हेण्ड होकर नये रुप से चलाना चाहते है।

राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष पद से अपना त्यागपत्र देने के बहाने व प्रियंका गांधी के सहयोग व सलाह के बल पर संगठन स्तर पर बदलाव करके नये रुप मे कांग्रेस को देखने का ईशारा भी एक तरह से कर दिया है।

लोकसभा चुनाव मे राजस्थान व मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्रियों द्वारा पुत्र मोह में अपने अपने पुत्रों को लोकसभा चुनाव लड़ाने से भी राहुल गांधी खासे नाराज नजर आये।

लेकिन प्रदेश सरकार बचाये रखने के लिये दोनो ही प्रदेशो मे मुख्यमंत्री के चेहरे मे बदलाव लाने को आत्मघाती कदम मानते हुये गहलोत व कमलनाथ को एक दफा जीवनदान मिलना बताया जा रहा है।

राहुल गांधी के सात व आठ जून की केरल यात्रा से लोटकर आने के बाद कांग्रेस मे अनेक तरह के बदलाव होने की शुरुआत हो सकती है। जिसमे राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की जगह नये चेहरे का चयन होना तय बताया जा रहा है।

राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष के चेहरे के बदलाव होने की सुगबुगाहट के बाद इस पद को पाने की कोशिश मे कुछ ब्राह्मण नेताओ ने भी जोड़तोड़ लगाना शुरू कर दिया है।

पर अधिक सम्भावना किसी जाट नेता को अध्यक्ष बनाने की बताई जा रही है। जिसमे लालचंद कटारिया, हरीश चोधरी, ज्योती मिर्धा, सुभाष महरिया व नरेन्द्र बूढानीया के नाम खासे चर्चा मे बताते है। अगर किसी मंत्री या विधायक को अध्यक्ष नही बनाने का तय होता है तो फिर पूर्व सांसद ज्योती मिर्धा व पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया मे से किसी एक नाम पर मोहर लग सकती है।

इसमे भी यह तय है कि इनमे से या फिर किसी अन्य के नाम का ऐहलान तब ही हो पायेगा जब उस नाम पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अंतिम मोहर लग पायेगी।

कुल मिलाकर यह तय है कि राजस्थान भाजपा व कांग्रेस के अध्यक्षों के चेहरे बदलना तय है। भाजपा मे जिस नाम पर संघ की मोहर लगेगी उसका नाम अंतिम होगा। और राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष के रुप मे उसी नाम को फायनल माना जायेगा जिस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हाथ रख देगे।

-अशफ़ाक़ कायमखानी

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