8 महीने बाद अपने बच्चों से मिले ख़ालिद सैफ़ी , पत्नी बोलीं “ आख़िरी साँस तक लड़ेंगे साथी ।


दिल्ली दंगो के मामले में पिछले 9 महीने से जेल में बंद ख़ालिद सैफ़ी की पत्नी और बच्चे उनसे दिल्ली की मंडोली जेल में मिले ! ख़ालिद सैफ़ी की पत्नी ने फ़ेस बुक पर इस बारे में लिखा है


सलाम साथियों
आज मैं और मेरी बेटी मरियम मंडोली जेल खालीद से मिलने गए तकरीबन है8 महीने के बाद आज हमारी मुलाकात जेल में हुई ! 2 तारिख को जब कोर्ट रूम मे मिले तो हमारी बात नहीं हुई बस हम उन को देख रहे थे, बच्चे अपने अब्बू को छू रहे थे गले मिल रहे थे, आज मेरी 8 म्हीने बाद बात हुई है,

आप सभी को सलाम कहा है दुआओं के लिए कहा है ,आप सभी को शुक्रिया कहा है, जिस तरीके से आप लोगों ने पिछले 1 साल से उनका साथ दिया हमारा साथ दिया उसी साथ की आगे भी जरूरत है यह उम्मीद उन्होंने आप से जताई है कि आप इसी तरीके से कंधे से कंधा मिलाकर उनके साथ लड़ेंगे…उनको 1 साल पूरा होने वाला है इस एक साल में जिस तरीके की तकलीफ खालीद ने ज़ेल मे और मेरे परिवार ने झेली है वह तो मैं आप सब को बयां भी नहीं कर सकती….
ज़ेल मे गीजर है सार्दियो मे गर्म पानी नहीं मीलता, गर्मी मे कुलर है पर चलते नहीं….सरकार डराना चाहती है, ये तकलीफे दे कर…….

 

ना डरे है , ना झुके है
लडेंगे अपनी आखिरी सांस तक

पर मुझे खालिद से और आप सभी के साथ की वजह से हिम्मत मिलती है.. आज मरयम के अब्बू बहोत खुश थे.सुबह से ही तयारी कर रहे थे हम से मिलने की,white colour का ट्रेक सूट पहना था, बोल रहे थे के यहाँ सब बोल रहे है के हाजी जी आप और भी ज्यादा हैंडसम हो गए हो,खुद बोल कर हसने लगे..उन की हिम्मत को उन के ज़ज्बे को लाखो सलाम…अपने सारे दोस्तो के बारे मे पुछा बोल रहे थे के मुझे भूले तो नहीं है….

खालीद नाम दोस्ती का हे, वो ज़हा जाते हे वहां अपनेपन से सब को अपना बना लेते है.. ज़ेल मे भी वो हर तारिके से सब की मदद करते रहते है…. चाहे किसी को कुछ पढ़ना सिखाना हो य़ा खेल खिलाना, चाहे ईद मानाना हो य़ा दिवाली मनाना सब मिल कर करते है!

जेल में सब एक दूसरे की तकलीफ में एक दूसरे का साथ देते हैं जब खालिद जेल गए थे तो उनके दोनों पैरों पर प्लास्टर था मुझे बहुत तकलीफ होती थी मैं बहुत परेशान रहती थी कि वह अपना सब काम किस तरीके से कर रहे होंगे,पर अल्लाह अपने नेक बंदो को कही भी अकेला नहीं छोडता,जब उनका प्लास्टर उतर गया तो प्लास्टर उतरने के बावजूद भी उनसे खड़ा नहीं हुआ जाता था !

तो वहां के लोगों ने उनके पैरों में तेल लगाया क्योंकि उनके मसल्स ड़ेमेग थे सही से खड़े नहीं हो पाते थे पर लोगों ने वहां पर उनके पैर में तेल लगाया उनके पैर मजबूत हुए जिसकी वजह से वह आज अच्छे से चल पाते हैं!!

तो खालिद मुझसे बार-बार एक ही बात कहते हैं कि जेल के अंदर लोग
“क्रिमिनल हैं या नहीं ये तो इंसाफ़ की बात है पर कम्युनल नहीं है “तो यह बात मुझे बहुत पसंद आई!!
खालिद नाम है हिम्मत का, ताकत का, इंकलाब का . ..
आप सब को इंकालब ज़िन्दाबाद बोला है
सलाम कहा है!!
#KhalidSaifiKoRihaKaro
#ReleaseAllPoliticalPrisoners

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