राजस्थान आतंकी विस्फ़ोट केस: 23 साल बिना ज़मानत क़ैद के बाद 6 आरोपी कोर्ट से बरी!


जयपुर, 23 जुलाई | राजस्थान उच्च न्यायालय ने सोमवार को 1996 के दौसा ब्लास्ट मामले में जम्मू-कश्मीर के पांच नागरिकों सहित छह लोगों को बरी कर दिया. बिना किसी ज़मानत या पैरोल के ये सभी छह आरोपी पिछले 23 सालों से जेल में थे.

उन्हें 2014 में एक स्थानीय अदालत ने दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

 हालांकि, उच्च न्यायलय ने बम धमाके के दो अन्य आरोपियों की सज़ा को बरकरार रखा है जिनपर 14 लोगों की हत्या का इल्ज़ाम है.

यह विस्फोट 22 मई, 1996 को राजस्थान के दौसा जिले में आगरा-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक राज्य-संचालित बस में हुआ था. यह बस आगरा से बीकानेर जा रही थी. यह घटना दिल्ली के लाजपत नगर इलाके में एक बम विस्फोट के एक दिन बाद हुई थी जिसमें 13 लोग मारे गए थे.

दि हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, बरी किए गए लोग हैं: जावेद खान, अब्दुल गनी, लतीफ अहमद, मोहम्मद अली भट,मिर्ज़ा निसार हुसैन (सभी जम्मू और कश्मीर से) और आगरा निवासी रईस बेग.

उच्च न्यायलय की पीठ ने ये फैसला सुनाया कि अभियोजन छह व्यक्तियों के किसी भी संबंध को विस्फ़ोट को अंजाम देने की साज़िश को साबित करने में विफल रहा.

 उच्च न्यायालय द्वारा जिनकी सज़ा बरक़रार रखी गयी है वो अब्दुल हमीद (सज़ा ए मौत) और सलीम उर्फ ​​पप्पू (उम्रकैद) हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *