इन शर्तों के साथ ख़त्म हुआ मदरसा पैरा टीचर्स का आंदोलन!

राजस्थान में मदरसा पैरा टीचर्स मानदेय बढ़ाने और नियमित करने की मांग को लेकर पूरे प्रदेश में 22 जुलाई से आंदोलन कर रहे थे।

आंदोलन के प्रथम चरण में मदरसा पेरा टीचर्स ने मदरसों में कार्य बहिष्कार करते हुए 28 जुलाई तक ज़िला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया।

लेकिन सरकार द्वारा मांगे नहीं माने जाने पर 29 जुलाई से पूरे प्रदेश के लगभग 6500 मदरसा पैरा टीचर्स ने जयपुर में मदरसा बोर्ड का अनिश्चित कालीन घेराव कर लिया।

29 जुलाई सोमवार को जयपुर में धरना स्थल पर आकर 9 विधायकों ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया और विधानसभा में मांग उठाने का वादा किया।

धरना स्थल पर आने वाले विधायकों में रफ़ीक खान, दानिश अबरार, रामकेश मीना आदि शामिल रहे।

मंगलवार को सुबह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी मदरसा पेरा टीचर्स के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की। इस मुलाकात में मांगो को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई जिस पर पैरा टीचर्स ने मांगे नहीं मानने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया।

मंगलवार की शाम को कैबिनेट मंत्री बीडी कल्ला ने विधायक रफ़ीक खान, अमीन काग़ज़ी और हाकम अली खान की मौजूदगी में मदरसा पैरा टीचर्स के प्रतिनिधि मंडल से बात की। इस मीटिंग में मदरसा पैरा टीचर्स का मानदेय बढ़ाकर 15 हजार करने पर सहमति बन गई और जल्दी ही नियमित करने का भी आश्वासन दिया।

पैरा टीचर मानदेय 25 हजार करने की मांग कर रहे थे, लेकिन केबिनेट मंत्री बीडी कल्ला ने जल्दी ही नियमित करने का आश्वासन दिया और जब तक नियमित नही हो जाते तब तक 15 हजार रूपये मानदेय करने की बात कही। जिस पर सहमति बन गई।

तीनों विधायकों की उपस्थिति में प्रतिनिधि मंडल से यह वादा किया कि कम से कम 15 दिन में यह समझौता लागू हो जाएगा और अधिकतम 2 महीने भी लग सकते हैं लेकिन उससे ज्यादा का समय नहीं लिया जाएगा।

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