जम्मू-कश्मीर में संविधान का अनुच्छेद 370 हटाने के बाद हर दिन वहां के हालातों के बारे में ग्राउंड रिपोर्ट सामने आ रही है,आज कश्मीर के लोगों को कैद हुए 52 दिन पूरे हो रहे हैं ऐसे में हाल में कुछ महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कश्मीर से लौटकर फैक्ट फाइडिंग रिपोर्ट जारी की है।
महिला दल का यह दावा है कि कश्मीर में लोगों पर सेना का खौफ बरकरार है और अपने घर में कैद होकर दिन बिता रहे हैं। दल का यह भी कहना है कि इस दौरान कश्मीर से 13000 बच्चे गायब हुए हैं और सैकड़ों वकील जेलों में पड़े हैं।
कश्मीर गए इन महिला कार्यकर्ताओं के दल में योजना आयोग की पूर्व सदस्य एवं प्रसिद्ध शिक्षाविद सईदा हमीद के अलावा 5 अन्य महिला कार्यकर्ता थी जिनमें नेशनल फेडरेशन ऑफ़ इंडियन वीमेन की महासचिव अन्नी राजा, प्रगतिशील महिला संगठन की महासचिव पूनम कौशिक, पंजाब यूनिवर्सिटी से सेवानिवृत्त प्रोफेसर कंवलजीत जीत कौर तथा जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी की रिसर्च स्कॉलर पंखुड़ी जहीर थी। इस दल ने 17 दिन कश्मीर में बिताए और 3 जिलों के 17 गांवों का दौरा किया।
दल ने अपनी रिपोर्ट पेश करते समय कहा कि हमने इन दिनों कश्मीर का आंखों देखा हाल जाना है और हम यह कह सकते हैं कि 52 दिनों के बीतने के बाद भी वहां के हालात सामान्य नहीं है। सरकार इतने दिनों से सिर्फ झूठे दावे कर रही हैं और मीडिया सच बताने को तैयार नहीं है।
शोपियां, पुलवामा और बांदीपुरा जैसे जिलों के बारे में इस दल का कहना है कि वहां के लोग सेना के खौफ में जिंदगी गुजार रहे हैं, सेना वाले लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं। आर्थिक हालातों पर लोग अब सहन नहीं कर पा रहे हैं।
मुस्लिम विमेंस फोरम की सईदा हमीद का लौटकर कहना था कि हमारा दल वहां से लौटकर बहुत दुखी है क्योंकि पूरे शहर में एक अलग तरह की खामोशी है। यहां तक कि बीते दिनों में वहां 10-12 साल से लेकर 22-24 साल तक के 13 हज़ार लड़कों के गायब होने के आसार हैं।
वकील पूनम कौशिक का कहना था कि जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन के दफ्तर पर ताला लटका हुआ है, वहीं सैकड़ों वकीलों को जेलों में डाल दिया गया है। दल ने जितने लोगों से मुलाकात की उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने कश्मीर के लोगों के साथ छल किया और सेना लगाकर अब दमन कर रही है।