प्रदेश के राजनीतिक समीकरण बिगाड़ सकता है सात पार्टियों का राजस्थान लोकतांत्रिक मोर्चा

विधानसभा चुनाव को लेकर पूर्व प्रधानमन्त्री एच डी देवगौड़ा ने जयपुर में बजाया चुनावी बिगुल

जयपुर में राजस्थान लोकतांत्रिक मोर्चा का किया उद्धाटन

भाजपा सरकार को बताया किसान और मजदूर विरोधी

मोर्चे के कार्यकर्ता सम्मेलन में सात दलों के कार्यकर्ताओं ने की भागीदारी

जयपुर, 8 सितम्बर। पूर्व प्रधानमन्त्री एच डी देवगौड़ा ने आज यहाँ चुनावी बिगुल बजाकर सात पार्टियों के संयुक्त मंच राजस्थान लोकतांत्रिक मोर्चा का उद्घाटन किया। कार्यक्रम शिव मार्ग, बनीपार्क स्थित श्री करणी चारण छात्रावास में आयोजित हुआ।
सम्मेलन में मुख्य अतिथि पूर्व प्रधानमन्त्री एवं जनता दल सेक्यूलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष एच डी देवेगौड़ा थे। जिन्होंने अपने सम्बोधन में भाजपा और भाजपाई सरकार को किसान और मजदूर विरोधी बताते हुए कहा कि भाजपा की नीतियां पूरी तरह से पूंजीपतियों के हित में हैं और इन नीतियों से देश का किसान, मजदूर और सभी गरीब तबके परेशान हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने अपनी गरीब विरोधी नीतियों के कारण देश को बरबाद कर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को किसानों की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है, इसीलिए देश का किसान बरबाद हो रहा है। हमने कर्नाटक की जनता से किसानों का कर्जा माफ करने का वादा किया था, सरकार बनते ही हमने वो वादा पूरा किया और किसानों का कर्जा माफ कर दिया।
यह सम्मेलन जनता दल सेक्यूलर, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल, सीपीआई एम, सीपीआई, सीपीआई माले और एम सीपीआई यूनाइटेड का संयुक्त कार्यकर्ता सम्मेलन था। जिसे राजस्थान लोकतांत्रिक मोर्चा गठित कर आयोजित किया। सम्मेलन में राजनीतिक प्रस्ताव जनता दल सेक्यूलर के प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन देथा ने रखा। जिसमें उन्होंने कहा कि राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने राजनीति को व्यापार बना लिया है। धन लगाओ,राज बनाओ और राज के जरिए लूट मचाओ, इस मनोवृत्ति के लोगों का आज भाजपा व कांग्रेस में बोलबाला है। उन्होंने कहा कि इस लूट तन्त्र की राजनीति को पराजित करने के लिए जनता की जिन्दगी से जुङे जवलंत मुद्दों एवं जनहित रक्षक नीतियों पर आधारित राजनीति स्थापित करना हमारा एकमात्र रास्ता है। यहाँ मौजूद राजस्थान लोकतांत्रिक मोर्चा के दलों की अडिग मान्यता है कि कॉरपोरेटवाद, साम्प्रदायिकता और वैमनस्य आधारित राजनीति करने वाले आम जनता के दुश्मन हैं। उन्हें पराजित करके इन्सानियत, भाईचारे एवं समानता पर आधारित राजनीति को आगे बढाने का काम राजस्थान लोकतांत्रिक मोर्चा करेगा।
अर्जुन देथा ने कहा कि एक और जहाँ आरएसएस के बङे नेता और भाजपाई नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी आरक्षण को खत्म करने की बात करते हैं, साथ ही उसी भाषा में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने जयपुर में कहा कि जाति आधारित आरक्षण समाप्त किया जाना चाहिए। इससे दोनों दलों की दलित, आदिवासी और ओबीसी विरोधी मानसिकता स्पष्ट होती है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की सरकार और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस दोनों ने मिलकर आरक्षित वर्गों के लिए सामान्य पचास प्रतिशत पदों पर भर्ती के दरवाजे ही बन्द कर दिए हैं। इस प्रकार कांग्रेस और भाजपा दोनों ने मिलकर आरक्षण को शीर्षासन करवा दिया है। इससे जो तथाकथित अनारक्षित जातियां हैं, उनके लिए पचास प्रतिशत पद आरक्षित हो गए हैं तथा दलित, आदिवासी व ओबीसी को इन पदों से वंचित कर दिया गया है।
सम्मेलन में सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान ने भाजपा सरकार को ललकारते हुए कहा कि कांग्रेस के अंहकारी रवैये के कारण गुजरात में जनता दल सेक्यूलर, एनसीपी, सपा और वाम दलों के साथ कांग्रेस ने कोई तालमेल नहीं किया। यदि तालमेल होता, तो भाजपा को गुजरात में परास्त करके पीएम नरेन्द्र मोदी के गुजरात माॅडल को वहीं दफन कर देते। अब भी कांग्रेस के रवैये में कोई सुधार नजर नहीं आता है, इसका खामियाजा देश को भुगतना पङ सकता है।
सीपीआई मार्क्सवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य और पूर्व सांसद हन्नान मौला ने अपने सम्बोधन में कहा कि भाजपा के हिन्दुत्ववादी एजेन्डे ने देश को साम्प्रदायिकता और नफरत की आग झौंक दिया है। जिससे देश की जनता भयभीत है। सम्मेलन में सीपीआई माले के केन्द्रीय कमेटी सदस्य कामरेड मोहम्मद सलीम ने दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों पर हो रहे विभिन्न तरह के हमलों के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए इसे देश के लिए गम्भीर खतरा बताया।
वरिष्ठ समाजवादी नेता, सपा प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व सांसद पण्डित रामकिशन ने अपने सम्बोधन में नोटबन्दी को पूरी तरह से विफल बताते हुए कहा कि इससे न कालाधन वापस आया और ना ही आतंकवाद खत्म हुआ, लेकिन देश के गरीब लोगों को सरकार ने बिना बात परेशान किया और अपने चहेतों के कालेधन को सफेद कर दिया। जनता दल सेक्यूलर के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव कुंवर दानिश अली ने अपने सम्बोधन में कहा कि राजस्थान की भाजपा सरकार जिसने कॉरपोरेट घरानों के जरिए प्रदेश में जो लूट मचा रखी है, उसे खत्म करने के लिए राजस्थान लोकतांत्रिक मोर्चा को मजबूत बनाकर इस गरीब विरोधी और कॉरपोरेट हितैषी सरकार को उखाङ फेंकें।
सीपीआई मार्क्सवादी के प्रदेश सेक्रेटरी एवं पूर्व विधायक कामरेड अमराराम ने कहा कि राजस्थान में सरकार ने ऐसी नीतियां बनाई हैं, जिससे किसान और मजदूर का जीना दूभर हो गया है। सरकार ने पूरी तरह से प्रदेश में एक भ्रष्ट और लुटेरी व्यवस्था स्थापित कर दी है। सरकार को किसानों, मजदूरों और बेरोजगार युवाओं से कोई मतलब नहीं है। सम्मेलन को सीपीआई के प्रदेश सेक्रेटरी नरेन्द्र आचार्य, सीपीआई माले के प्रदेश सेक्रेटरी महेन्द्र चौधरी, राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव महेन्द्र प्रतात एवं प्रदेश अध्यक्ष विद्याधर ओलखा, कामरेड महेन्द्र नेह आदि नेताओं ने भी सम्बोधित किया।
सम्मेलन की अध्यक्षता कामरेड तारा सिंह सिद्धु, कामरेड सुमित्रा चौपङा, कामरेड शंकरलाल चौधरी, जेडीएस प्रदेश महासचिव भगवान सिंह जाटव, लीला शर्मा, सपा के प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष मुकेश यादव ने की। मंच संचालन कामरेड रविन्द्र शुक्ला ने किया। करणी चारण छात्रावास की प्रबन्ध समिति की ओर से अध्यक्ष सज्जन सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष भगवत सिंह देवल व समाज के प्रबुद्ध जनों ने छात्रावास में पूर्व प्रधानमन्त्री एच डी देवगौड़ा और अन्य अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया।
सम्मेलन स्थल पर जनता दल सेक्यूलर के नेता चौधरी खुर्शीद अहमद, समाजवादी युवा नेता बसन्त हरियाणा, पूर्व विधायक अय्यूब खान, मौलाना साबिर नगर आदि ने एच डी देवगौड़ा को माल्यार्पण और साफा बांधकर उनका स्वागत किया। सम्मेलन में प्रदेश के सभी जिलों से कार्यकर्ता शरीक हुए।

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