कैनेडियन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो का भारत दौरा-हम तो मुसाफ़िर हैं लौट जाएंगे गर्द ए सफ़र लेकर!

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो भारत दौरे पर है । युवा और आकर्षक ट्रुडो जिस अंदाज में भारतीय कल्चर और स्थापत्य का आनंद लेते हुए देखे जा रहे है, से कतई नही लगता कि उनकी ये आधिकारिक यात्रा है बल्कि इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रही ताजमहल के साथ उनकी फोटो से लगता कि ट्रुडो दम्पति की प्रेम के प्रतीक किसी स्थान की निजी यात्रा हो ।
बहरहाल हम आपको बता दे कि उनकी यह यात्रा निजी नही है बल्कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुलावे पर वो सात दिनों की यात्रा पर शनिवार को भारत आये हैं ।भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, “कनाडा के प्रधानमंत्री के दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, ऊर्जा, साइंस और इनोवेशन, उच्च शिक्षा, आधारभूत विकास, अंतरिक्ष समेत कई क्षेत्रों के साझा हितों को लेकर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है ।
साथ ही बताते चले कि अपनी इस यात्रा में जस्टिन ट्रुडो अमृतसर भी जाएँगे जहाँ वे स्वर्णमंदिर में दर्शन भी करेंगे । विदित रहे कि भारतीय सिख समुदाय की एक बहुत बड़ी आबादी कनाडा रहती है!

 

भारतीय संघीय व्यवस्था पर है कनाडा का प्रभाव

एक राजनीतिक तंत्र के रूप में संघवाद मिश्रित-शासन के स्वरुप पर आधारित है जिसमें केंद्रीय और राज्य सरकारें साथ-साथ काम करती हैं। इसमें सरकारों के दोनों स्तर राज्य और केंद्र में शक्तियों और अधिकारों का विशिष्ट विभाजन होता है, और जब दोनों के बीच कोई विवाद की स्थिति निर्मित होती है तब देश का सर्वोच्च न्यायालय संविधान की व्याख्या की आवश्यकता के अनुरूप मामलों को सुलझाता है। साथ आकर संघ बनाने की इसी संघीय व्यवस्था को भारतीय लोकव्यवस्था के लिए उपयुक्त मानते हुए संविधान सभा ने इसे स्वीकार किया है, जो पूरी तरह कनाडा की संघीय व्यवस्था पर आधारित है!

कैनेडियन मीडिया का आरोप है कि भारत उनके प्रधानमंत्री का अपमान कर रहा है!

क्योंकि उनका कोई ख़ास स्वागत नहीं हुआ!

और उनके समकक्ष मोदी भी उनसे अभी नहीं मिले!

उनका स्वागत में विदेशमंत्री,विदेश राज्य मंत्री कोई नहीं आया!

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