राजस्थान से चुने हुये वर्तमान दस राज्यसभा सदस्यों में पूर्व प्रधानमंत्री सरदार डा. मनमोहन सिंह को छोड़कर बाकी सभी नौ सदस्य भाजपा से संबंध रखते हैं!
लेकिन 9-अप्रैल 2020 को नारायण लाल पचारीया, रामनारायण डुडी व विजय गोयल नामक जिन तीन सदस्यों का कार्यकाल पुरा हो रहा है। उन तीनों का संबंध भाजपा से होने के चलते वर्तमान विधानसभा सदस्यों की गणना अनुसार इनकी जगह दो सदस्य कांग्रेस व एक भाजपा से चुना जाना तय होने के चलते कांग्रेस मे उम्मीदवारी को लेकर इच्छुक नेताओं के भागदौड़ शुरु करने से अनेक नाम चर्चा मे आने लगे हैं!
हालांकि कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन की तारीख़ व जगह अभी तक तय नहीं हुई है। लेकिन मार्च के आखि़र या फिर अप्रैल में होने वाले अधिवेशन का राजस्थान में होना लगभग तय माना जा रहा है।
जिसमें संभवत: राहुल गांधी को फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाया जायेगा।
दूसरी तरफ इसी के मध्य होने वाले राजस्थान में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से दो उम्मीदवारों में से एक नाम प्रियंका गांधी के होने की चर्चा के अलावा एक नाम किसी स्थानीय जाट नेताओ में से होने की सम्भावना जताई जा रही है!
राजस्थान मे भाजपा व कांग्रेस जैसी दो दलीय व्यवस्था वर्तमान समय मे होने के कारण अल्पसंख्यक मतों को गारंटेड मत माने जाने के चलते कांग्रेस से किसी अल्पसंख्यक उम्मीदवार के नाम की चर्चा तक नहीं है।
लेकिन राजनीति के पारे को ऊपर नीचे करने की ताकत रखने वाली जाट बिरादरी से एक उम्मीदवार लगभग तय माना जा रहा है।
भाजपा के मार्च-अप्रैल मे राजस्थान से दो राज्यसभा सदस्य कम हो जायेंगे वहीँ 2022 मे भाजपा के ओम माथुर, रामकुमार वर्मा, अलफोनस व हर्षवर्धन सिंह राज्ससभा से रिटायर होंगे तब कांग्रेस के तीन व भाजपा का एक सदस्य चुने जाने की सम्भावना बनती है।क्योंकि कांग्रेस जोड़तोड़ करके तब 121 सदस्यों का समर्थन का इंतजाम कर सकती है!
मार्च-अप्रैल मे होने वाले राज्यसभा चुनाव में अगर कांग्रेस से एक नाम प्रियंका गांधी का तय होता है तो दूसरा नाम किसी स्थानीय जाट नेता का होगा। जिसमे रामेश्वर डूडी, ज्योति मिर्धा, डा.चंद्रभान व सुभाष महरिया में से किसी एक नाम के तय होने की राजनीतिक हल्कों मे अधिक सम्भावना जताई जा रही है।
-अशफाक कायमखानी
जयपुर