राजस्थान में भाजपा से लोकसभा उम्मीदवार बनने की कोशिश में लगे हैं दो मुस्लिम नेता भी!

भारत भर के मुस्लिम समुदाय की तरह राजस्थान के मुस्लिम मतदाताओ को भी कांग्रेस का परम्परागत मतदाता माना जाता रहा है। लेकिन मुस्लिम मतदाताओ ने इससे पहले स्वतंत्र पार्टी , लोकदल , जनता पार्टी व भाजपा मे चाहे कम लेकिन अक्सर हिस्सेदारी निभाई है। हाल ही में सम्पन्न हुये आम विधानसभा चुनाव मे भाजपा द्वारा मुश्किल से एक टिकट अपने मंत्री यूनूस खान को टोंक से देने के बाद मुस्लिम समुदाय को लगने लगा है कि भाजपा मे मुस्लिम समुदाय की हिस्सेदारी की सम्भावनाएं क्षीण हो चली है।

भाजपा से मुस्लिम को लोकसभा चुनाव मे किसी सीट से उम्मीदवार बनने की सम्भावनाओं के पूरी तरह क्षीण होने के बावजूद लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के तूरंत बाद राजस्थान सरकार मे परिवहन मंत्री रहे यूनूस खान व हरियाणा हज कमेटी अध्यक्ष औरंगजेब मेव भी टिकट पाने की दौड़ में शामिल हो गये।

1979 मे जनता पार्टी के बिखरने के बाद भाजपा के गठन के समय में भाजपा नेता भैरोसिंह शेखावत ने अपने मंत्रिमंडल के सदस्य रहे महबूब अली को 1979 मे बीकानेर से भाजपा की तरफ से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया था। लेकिन उस चुनाव मे महबूब अली के अपनी जमानत भी नहीं बचा पाने के बाद भाजपा ने आज तक किसी भी मुस्लिम को राजस्थान से लोकसभा का उम्मीदवार नही बनाया है।

कुल मिलाकर यह है कि भाजपा मे मुस्लिम को लोकसभा की टिकट मिलने की सभी सम्भावनाओं को क्षीण मानने के बावजूद पूर्व मंत्री यूनूस खान नागौर व झूंझुनू से उम्मीदवार बनने के लिये दिन-रात एक किये हुये है। यूनूस खान के अलावा हरियाणा हज कमेटी के अध्यक्ष औरंगजेब मेव ने अलवर से भाजपा की लोकसभा टिकट पाने के लिये दिल्ली दरबार मे भागदौड़ तेज कर रखी है।

अशफ़ाक़ कायमखानी

(लेखक राजनीतिक विश्लेषक हैं)

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