लोकसभा चुनाव से तय होगा कांग्रेस के मंत्री और विधायकों का राजनीतिक भविष्य!

लोकसभा चुनाव को लेकर राजस्थान कांग्रेस की तरफ से अपने मंत्री व विधायको के अलावा विधानसभा में उम्मीदवार रहे नेताओं की लोकसभा उम्मीदवार को जिताने के लिये उनकी परफॉर्मेंस के अनुसार उनका आगामी राजनीतिक भविष्य तय होने की खबर के बाद सभी तरह के नेता सक्रिय होने लगे है।

राजस्थान के सह प्रभारी व राष्ट्रीय सचिव विवेक बंसल ने कहा है कि अपने क्षेत्र मे जीत दिलाने वाले मंत्रियों का ही भविष्य मे पद सुरक्षित रहेगा। इसी तरह विधायक को भी अपने क्षेत्र मे उम्मीदवार को जीत दिलानी होगी। उसी स्थिति मे भविष्य में उन्हें मंत्री पद को लेकर विचार होगा। इसके अतिरिक्त विधानसभा चुनाव हार चुके उम्मीदवारों के क्षेत्रों में कांग्रेस उम्मीदवार की बढत व उनकी परफॉर्मेंस के आधार पर उन्हे अन्य पदो से भविष्य मे नवाजे जाने पर विचार होगा।

उम्मीदवार चयन से लेकर मतदान तक की पूरी प्रक्रिया तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलेट सीधे तौर पर जुड़े हुये है। वो राजस्थान के हर चप्पे चप्पे की पल पल की चुनावी खबरों से हरदम अपडेट रहने के लिये नजर गड़ाए हुये है। सूत्रोनुसार उक्त नेताओं ने अपने मंत्री, विधायकों व 2018 के विधानसभा चुनाव मे उम्मीदवार रहे पार्टी नेताओं को सख्त लहजे मे निर्देश देकर अपने अपने लोकसभा उम्मीदवार के लिये अपने अपने क्षेत्र मे बढ़त बनाने को कहा है। उक्त निर्देशों के बाद अब तक सुस्त बैठे विधायकों व नेताओं ने सक्रियता दिखाते हुये अपने आपको प्रचार मे झोंक दिया है।

कांग्रेस के इतिहास के अनुसार 1984 के लोकसभा चुनाव के समय यह सख्त निर्देश थे कि जिस विधायक या विधानसभा उम्मीदवार के क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार पीछे रहेगा, तो उन विधायको का आगामी चुनाव मे टिकट ही काट दिया जायेगा। जिसकी जद मे शेखावाटी के दिग्गज नेता व तत्कालीन मंडावा विधायक रामनारायण चोधरी भी आ गये थे। जिनको इसी वजह से टिकट से वंचित होना पड़ा था। 1984 के लोकसभा चुनाव मे मंडावा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार मात्र कुछ सौ मतो के अंतर से पीछे रहने के कारण तत्कालीन विधायक रामनारायण चोधरी का टिकट काटकर आगामी विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस ने सुधादेवी को टिकट थमा दिया था।

कुल मिलाकर यह है कि कांग्रेस के लोकसभा वार पार्टी स्तर पर नियुक्त पर्यवेक्षक व जिला प्रभारी मंत्री सहित अनेक माध्यमो से कांग्रेस पूरी तरह चुनावो पर नजर गढाये हुये है। जबकि इनके अतिरिक्त खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी सभी स्तर पर चोकस होकर कांग्रेस उम्मीदवारो को जिताने के लिये हर तरह के उपाय व ऐहतियात के साथ काम करने के बाद अनेक सुस्त बेठे विधायक भी राजस्थान मे सक्रिय होने लगे है।

-अशफ़ाक़ कायमखानी

(लेखक राजनीतिक विश्लेषक है)

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