राजस्थान की 15वीं विधानसभा के दूसरे सत्र के पहले दिन गुरुवार को विधानसभा में पत्रकारों पर पाबंदी को लेकर हंगाम हो गया.
नाराज पत्रकारों ने सदन में प्रेस गैलरी का बहिष्कार कर दिया. विधानसभा में पत्रकारों पर पाबंदी का विरोध करते हुए नाराज पत्रकार विधानसभा अध्यक्ष के चैंबर के बाहर धरने पर बैठ गए हैं.
इससे पहले विधानसभा में पत्रकारों की एंट्री सीधी होती थी वो पक्ष विपक्ष मंत्रियों के कक्ष में पहुँच कर उनसे बात कर सकते थे !
लेकिन कल हुई सर्वदलीय बैठक में CP जोशी का ज़ोर इस बात पर था कि अधिक से अधिक विधायी काम होने चाहिए इस पर सभी दलों ने मिलकर यह निर्णय लिया कि मीडिया को पक्ष विपक्ष के नेताओं से मिलने और मंत्रियों का कक्ष में जाने से पाबंद किया गया है.
हालाँकि अब इस पर पत्रकारनाराज़ होगए हैं और उन्होंने इस निर्णय का बहिष्कार करते हुए विधानसभा के बाहर धरना दे दिया है.
पत्रकारों का कहना है कि पत्रकारों को अंदर जाने से रोकना ऐ लोकतांत्रिक है इससे पहले भाजपा सरकार ने भी पत्रकारों संबंधी एक क़ानून विधान सभा में प्रस्तुत किया था !
जिसे मीडिया ने काला क़ानून कहकर विरोध किया था हालाँकि उसके बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पीछे हटते हुए उस विधेयक को वापस ले लिया था!