राजस्थान की सत्ता में कांग्रेस की वापसी के लिए विधायकों से फीडबैक ले रहे है अजय माकन !


राजस्थान कांग्रेस प्रभारी महामंत्री अजय माकन दो दिन से जयपुर मे डेरा डालकर कांग्रेस व कांग्रेस समर्थित विधायको से प्रदेश में फिर से सत्ता मे आने के लिये फीडबैक ले चुके है। आज प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारियों से फीडबैक ले रहे है।

लेकिन फीडबैक देने विधायक की हेसियत से माकन के पास अन्य विधायको की तरह ना तो सचिन पायलट आये ओर ना ही अशोक गहलोत आये। जबकि राजस्थान मे कांग्रेस के लिये सबसे बडा मुद्दा गहलोत-पायलट के मध्य छिड़ी वर्चस्व की जंग ही माना जा रहा है। गहलोत जयपुर मे अपने सरकारी आवास पर बैठकर व पायलट दिल्ली रहकर प्रोजेक्ट (फीडबैक) पर नजर लगाये हुये थे।

माकन से दो दिन मे मिलने वाले अधिकांश विधायकों ने उनसे पुछे गये सवालो के जवाब देने के अलावा 2023 में फिर से अपने आपको चुनाव जीतकर आने का दावा किया। लेकिन मेवाड़ के विधायको ने आदिवासी बेल्ट की करीब 28 विधानसभा सीटो पर बीटीपी के बढते प्रभाव व मारवाड़ व शेखावाटी जनपद मे रालोपा के बढते प्रभाव को कांग्रेस के लिए नुकसान दायक बताया।

सभी ने मुस्लिम मतो को कांग्रेस का वोटबैंक बताते हुये तीसरा फ्रंट नही होने के चलते भाजपा के मुकाबले कांग्रेस के पक्ष में आना बताया। मात्र एक मुस्लिम विधायक ने असदुद्दीन आवेसी की एआईएमआईएम पार्टी के प्रदेश मे सक्रिय होने की तरफ इशारा करते हुये सावचेत होने की जरूरत बताया।

विधायकों के फीडबैक मेें प्रभारी मंत्रियों के अलावा मंत्रियों व सरकार के कामकाज के तरीकों पर पक्ष -विरोध मे तर्क भी दिये गये। विधायक वैद प्रकाश सोलंकी ने इन सब के अलावा 2018 के विधानसभा चुनाव मे हारे हुये कांग्रेस उम्मीदवारों को भी विधायकों के साथ बूलाकर फीडबैक लेने को पूरे प्रदेश से फीडबैक मिलने की तरफ इशारा किया।

विधायकों से फीडबैक लेने के दो दिन चले कार्यक्रम के बाद कल शाम को मुख्यमंत्री के निवास पर विधायकों की मीटिंग व भोजन का प्रोग्राम भी आयोजित हुवा। जिसमे दिल्ली होने के कारण सचिन पायलट नदारद थे। विधायक दल की बैठक मे विधायकों को खुश करने के लिये वेक्सीनेशन के लिये उनके निधी विकास कोटे की धन राशि तीन करोड़ रोकने के आदेश वापिस लेने को कहा। वही एक दिन पहले उनकी मंशानुसार 283 राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की तबादला सूची जारी करके खुश करने की कोशिश भी की है।

कुल मिलाकर यह है कि राजस्थान मेें पायलट व गहलोत के मध्य चल रही वर्चस्व की जंग अब चरम पर पहुंचती लगती है। पायलट समर्थक अब इस जंग को निर्णायक मोड़ पर लेजाकर परिणाम लाने की कोशिश मे है। वो अब लम्बे इंतजार के मूड मे नजर नही आते है। राजस्थान मे चल रहे वर्तमान कांग्रेस राजनीति के लिये अगस्त का महीना महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

– अशफाक कायमखानी


 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *