भाजपा का पलटवार, मुख्यमंत्री गहलोत कांग्रेस की गुटबाजी का ठीकरा हम पर फोड़ रहे हैं !


राजस्थान में चल रहे सियासी संकट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा प्रेस कांफ्रेंस में लगाए गए आरोपों पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि,

मुख्यमंत्री जी ‘‘मुंगेरीलाल के हसीन सपने’’ देख रहे हैं, 2023 में राजस्थान कांग्रेस मुक्त हो जायेगा।

मुख्यमंत्री जी की बौखलाहट और हताशा से यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस के अन्दर जो अन्तर्कलह और अन्तर्विरोध है उसका ठीकरा वो भाजपा पर फोड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में प्रचण्ड बहुमत के साथ देश के ज्यादातर राज्यों में भाजपा सत्ता पर काबिज होती जा रही है, जिससे परेशान होकर कांग्रेस विचार और व्यवहार से अप्रासंगिक हो गई है।

मुख्यमंत्री पहली बार इतने विचलित दिखे हैं, वो अपने घर के अन्दर (कांग्रेस सरकार) चल रहे झगड़े एवं आपसी खींचतान को संभाल नहीं पा रहे हैं और वे लोकतंत्र की हत्या की बात करते हैं, स्वर्गीय इन्दिरा गाँधी के कार्यकाल में देश में आपातकाल लगाया गया और कांग्रेस शासन में अनुच्छेद 356 का 93 बार दुरूपयोग किया गया। इसलिए मुख्यमंत्री गहलोत का लोकतंत्र पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि लोकतंत्र का अपमान बार-बार कांग्रेस ने ही किया है। भाजपा तो लोकतंत्र को मजबूत करने का काम कर रही है।

मुख्यमंत्री गहलोत ने राजस्थान के विधायकों के बारे में कहा कि बकरा मण्डी की तरह यहाँ विधायक खरीदे जा रहे हैं तो वे बतायें कि क्या प्रदेश के विधायक बकरें हैं। हाॅर्स ट्रेंडिंग, ऐलिफेन्ट ट्रेडिंग से आगे बढ़कर गहलोत अब बकरा मण्डी की बात करने लगे हैं, जो अशोभनीय और निंदनीय है। मुख्यमंत्री गहलोत ने राजस्थान के विधायकों के लिए नीचतापूर्ण शब्दों का प्रयोग कर उनकी गरिमा का हनन किया है।

मुख्यमंत्री जी ने प्रेस काँफ्रेंस में गद्दार शब्द का जिक्र किया है, वे खुलासा करें कि कौन गद्दार हैं। राज्यसभा चुनाव में मुख्यमंत्री दम्भ भरते थे, फिर लगभग 10 दिनों तक फाइव स्टार होटल में विधायकों की बाडाबंदी क्यों करवायी। मुख्यमंत्री ने एसओजी और एसीबी का भय दिखाकर निर्दलीय और छोटे विधायकों को प्रभावित करने की कोशिश की और अभी भी वो ऐसा ही कर रहे हैं। सीपीआईएम के एक विधायक का व्हिप का उल्लंघन कर वोट करना इसका उदाहरण है।

राजस्थान में अराजकता, भ्रष्टाचार, अपराध पर बोलने से मुख्यमंत्री बचते हैं। इन मुद्दों की तरफ इनका कोई ध्यान नहीं है। प्रदेश की जनता तीन महीने के बिजली-पानी के बिल माफ करने की मांग कर रही है। साथ ही स्कूलों की फीस को लेकर भी समाधान निकालने की मांग की जा रही है, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत जनहित के मुद्दों का समाधान करने के बजाय सरकार के अन्दर चल रहे अन्तर्कलह, अन्तर्विरोध और सरकार की पौने दो साल की विफलता को छुपाने के लिए भाजपा पर झूठा आरोप लगाकर जनता का ध्यान भटकाने में लगे हुए है।

(भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के ऑफिसियल वेरिफाइड फ़ेसबुक पेज से)


 

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