भीलवाड़ा लोकसभा से भाजपा को अब तक क्यों नहीं मिल रहा प्रत्याशी?

राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों पर इस बार दो चरणों 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को मतदान होगा। भाजपा ने 25 में से 24 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं लेकिन अब तक भीलवाड़ा लोकसभा सीट पर प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है। कांग्रेस ने यहां से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी को मैदान में उतारा है। पहले कांग्रेस ने यहां से दामोदर गुर्जर को प्रत्याशी बनाया था लेकिन अब उन्हें राजसमंद लोकसभा से प्रत्याशी बना दिया है और सीपी जोशी को भीलवाड़ा लोकसभा सीट से।

राजस्थान का भीलवाड़ा जिला संघ और भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता है। भीलवाड़ा पूरे देश में कपड़ा नगरी के नाम से भी जाना है। भीलवाड़ा लोकसभा सीट राजस्थान में भाजपा की सबसे सेफ सीट मानी जाती है लेकिन फिर भी भीलवाड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा अब तक उम्मीदवार भी तय नहीं कर पा रही है। भाजपा का राष्ट्रीय व प्रदेश नेतृत्व अब तक इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी का निर्णय नहीं कर पा रहा है। 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा को प्रदेश की सबसे बड़ी 6 लाख 12000 मतों से जीत की सौगात देने वाले भीलवाड़ा का टिकट पहली बार इंतजार करवा रहा है।

भीलवाड़ा कहां फंस गया?

राजस्थान के राजनीतिक मामलों के जानकार पत्रकार अवधेश पारीक लिखते हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव में राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में सबसे बड़ी जीत भीलवाड़ा लोकसभा सीट पर बीजेपी के सुभाष बहेड़िया की हुई थी। बहेड़िया ने कांग्रेस के रामपाल शर्मा को 6 लाख से अधिक वोटों से हराया था जो कि एक रिकार्ड था।

बहेड़िया को इस दौरान 938160 वोट मिले थे लेकिन इस बार पहले चरण के नामांकन होने के बावजूद बीजेपी अभी तक भीलवाड़ा से प्रत्याशी का ऐलान नहीं कर पाई है.

खबरों के मुताबिक मौजूदा सांसद सुभाष को टिकट देने पर सहमति नहीं बन पाई है. वहीं दूसरी ओर राजसमंद के बाद कांग्रेसी खेमे में भी भीलवाड़ा का टिकट बदलने की सुगबुगाहट है.

ऐसे में बीजेपी जातिगत समीकरणों को देखते हुए भीलवाड़ा से किसी वैश्य चेहरे को प्राथमिकता का मानस बना रही है लेकिन बताया जा रहा है कि यह बदलाव कांग्रेस के बदलाव से जुड़ा है. पिछले 20 सालों में भीलवाड़ा लोकसभा सीट एक बार ही कांग्रेस के पास रही है.

इसके अलावा भीलवाड़ा में प्रत्याशी घोषित नहीं होने के पीछे बीजेपी और संघ के बीच एक राय नहीं बन पाना बड़ी वजह बताया जा रहा है. विधानसभा चुनावों के दौरान संघ और उसके सहयोगी संगठनों ने बीजेपी के प्रत्याशी विठ्ठलशंकर अवस्थी का विरोध किया था। उसके बाद संघ के समर्थन से यहां से कारोबारी अशोक कोठारी निर्दलीय उतरे थे और जीते, वहीं यहां बीजेपी प्रत्याशी तीसरे नंबर पर चला गया था.

विधानसभा चुनाव में सांसद सुभाष बहेड़िया ने बीजेपी प्रत्याशी विठ्ठल शंकर अवस्थी का खुलकर साथ दिया था, माना जा रहा है कि इससे नाराज़ होकर संघ भीलवाड़ा से सुभाष बहेड़िया को टिकट देने का विरोध कर रहा है और अपने पसंद के किसी अन्य प्रत्याशी को टिकट दिलवाना चाहता है।

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