देश में कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से अपने पांव पसार रहा है, ताजा जानकारी के मुताबिक कोरोना से गुरुवार को देश में चौथी मौत की पुष्टि हो चुकी है। कोरोना महामारी से निपटने के लिए हर राज्य की सरकारें और प्रशासन जरूरी कदम उठा रहा है।
भारत में फिलहाल कोरोना मरीजों की संख्या 244 पहुंच गई है। सरकार एहतियादन कई कदम उठा रही है जिनमें 22 मार्च को जनता कर्फ्यू से लेकर धारा 144 और मेट्रो, रेल सेवाएं, मॉल, बाजार भी बंद करवाए जा रहे हैं।
इसी बीच हमें एक अहम खबर मिल रही है जिसके मुताबिक कोरोना के खतरे को देखते कजाकिस्तान (यूरोप और सेंट्रल एशिया का क्षेत्र) में अल्माटी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर करीब 600 की तादाद में भारतीय स्टूडेंट्स फंसे हैं जिनमें काफी स्टूडेंट्स राजस्थान के जोधपुर, सवाई माधोपुर और बहरोड़ के बताए जा रहे हैं। गौरतलब है कि कजाकिस्तान पिछले कई सालों से मेडिकल की पढ़ाई के लिए भारतीय स्टूडेंट्स का हब है।
छात्रों ने एयरपोर्ट से ही सोशल मीडिया के जरिए भारत के विदेश मंत्रालय से अपील की है जिसमें उन्होंने लिखा है कि,
“हम यहां करीब 600 की संख्या में कजाकिस्तान के अलमाटी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पिछले 8 दिन से फंसे हैं। पिछले कई घंटों से हमे खाना भी नसीब नहीं हुआ है। कोरोना के कारण एयरपोर्ट पर दिल्ली जाने वाली फ्लाइट्स कम है इसलिए यहां के प्रशासन ने हमारी टिकट रद्द कर दी है।
हम यह भी जानते हैं कि 22 मार्च के बाद से भारत में किसी भी अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट्स की एंट्री पर बैन है, इसलिए हमें अब यह डर सता रहा है कि हम हमारे घर कैसे जा पाएंगे ?
कृपया भारत की सरकार से हमारी यह विनती है कि वो हमारे लिए 2 अतिरिक्त फ्लाइट्स की व्यवस्था जल्द से जल्द करवाएं”।
आपको बता दें कि भारत सरकार ने हाल में फैसला लिया है कि भारत में 22 मार्च से किसी भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान की लैंडिंग नहीं होगी। यह रोक अगले एक सप्ताह तक रहेगी। ऐसे में कजाकिस्तान में फंसे भारतीय छात्रों की चिंता जायज है।
जनमानस राजस्थान भारत एवं राजस्थान सरकार से अपील करता है कि कजाकिस्तान और अन्य जगह फंसे भारतीय छात्रों के देश लौटने की व्यवस्था जल्द से जल्द की जाएं।