इंसाफ कि ख़ातिर एक बूढ़ी माँ भरी धूप में सड़कों पर खड़ी है

जिस बेटे को लाड़ से पढ़ाकर डॉक्टर बनाया था आज उसकी मौत का इंसाफ मांगने एक बूढ़ी माँ भरी धूप में सड़कों पर खड़ी है। क्या आप इस दर्द को महसूस करने की हिम्मत रखते हैं ? क्या आपको झुर्री पड़े बूढ़े चेहरे में अपनी माँ नज़र नही आती ?

डॉ फैयाज़ कटिहार मेडिकल कॉलेज में एमडी के छात्र थे। बीते दिनों 20 मार्च की रात डॉ फैयाज़ कटिहार मेडिकल कॉलेज के अपने हॉस्टल रूम में मृत पाए गए। पोस्ट्मॉर्टम रिपोर्ट में चोट लगने की बात कही गयी है। शरीर पर भी कई चोट के निशान थे। घर वालों को आशंका है कि डॉ फैयाज़ की हत्या की गयी है जबकि कॉलेज प्रशासन दुर्घटना बताकर पूरे मामले से बचना चाह रहा है।

कॉलेज का रवैय्या संदेहास्पद है। कॉलेज प्रशासन पूरे मामले पर ख़ामोश है और अभी तक पीड़ित परिवार से कोई बात भी नहीं की है। मामले को दूसरा रंग देकर उसे डायवर्ट किया जा रहा है। मौत के कारण की अलग-अलग व्याख्या करके जाँच को कमज़ोर बनाने की कोशिश की जा रही है।

परिवार जाँच की माँग को लेकर डटा हुआ है। एसपी ने जाँच का आश्वासन दिया है मगर परिवार का कहना है कि घटना को 20 दिन हो गए मगर अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई।

वहीं इस पूरे मामले में डॉ फैयाज़ के परिवार के साथ कई संगठन आ जुड़े हैं जिनमे छात्र संगठन एसआईओ एवं विभिन्न सामाजिक संगठन जिनमें United Against Hate, BYO, APCR आदि सम्मिलित हैं।

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