किसान समर्थन ट्रैक्टर यात्रा सातवें दिन शाहजहाँपुर बॉर्डर पहुंची !


कोटपुतली, शाहजहाँपुर बॉर्डर, 15 जनवरी 2021

किसान आंदोलन के समर्थन में राजसमंद जिले के भीम से 9 जनवरी को दिल्ली के लिए चल रही ट्रैक्टर यात्रा आज सातवें दिन शाहजहाँपुर बॉर्डर पहुंची।

इससे पहले यात्रा ने रास्ते में रुककर जगह-जगह जन- संवाद किया। किसान पपेट और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी कृषि कानूनों के बारे में बातचीत की।

शुकलावास में हुआ यात्रा का स्वागत, चौपाल में उमड़ी भीड़

आज सबसे पहले यात्रा ने शुक्लावास में जन-संवाद किया। यहाँ ग्रामवासियों ने गर्मजोशी से यात्रा का स्वागत किया। मजदूर किसान शक्ति संगठन के संस्थापक शंकर सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि किसान के बिना जीवन मुमकीन नहीं है। आप बाकी किसी चीज के बिना रह सकते हो लेकिन अन्न के बिना नहीं। इसलिए यह लड़ाई हमारे जीवन की लड़ाई है।

यह लड़ाई सिर्फ किसान की नहीं बल्कि हम सबकी है। किसान तो जीवन के लिए लड़ रहा है और दूसरी तरफ कंपनी तो कमाई और मुनाफ़े के लिए ही काम करती हैं। इसलिए इन काले कानूनों को वापिस लेना ही पड़ेगा।

नारहेडा में राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन के सह सचिव मुकेश गोस्वामी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इन काले कानूनों से पहले दाल, अनाज, तिलहन और सब्जीयों की जमाखोरी किसान या सरकार कर सकते थे लेकिन अब निजी कंपनियां अपने पास असीमित सब्जी, अनाज, दाल और तिलहन रख सकेंगे।

जमाखोरी पर छूट देने से बड़ी कंपनियों को फायदा होगा। वे सस्ते में किसानों से खरीदेंगे और फिर महंगे में बाजार में बेचेंगे। इसका असर हर नागरिक पर होने वाला है। किसानों से तो यह कंपनियां बोरी में फसल खरीदेंगी लेकिन उसको पैकेट में बेचेंगी। इस पैकेट पर तो जो रेट लिखा है उससे कम में नहीं मिलता लेकिन दूसरी तरफ़ किसान के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। अन्नदाता सस्ते में फसल बेचने को मजबूर होगा इसलिए एम एस पी की गारंटी का कानून तुरंत बनाया जाना चाहिए।

कोटपुतली में आयोजित नुक्कड़ नाटक सभा में राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन के सचिव और मजदूर किसान शक्ति संगठन के कार्यकर्ता बालू लाल ने कहा कि जैसे ईस्ट इंडिया कंपनी ने देश को गुलाम बनाया था बिलकूल उसी प्रकार इन काले कानूनों से देश इन बड़ी कंपनियों का गुलाम हो जायेगा।

जैसे छोटी मछली बड़ी मछली को खाती है उसी प्रकार बड़ी-बड़ी कंपनी छोटे-बड़े व्यापारियों को खत्म कर देंगी। सभा को संबोधित करते हुए विनीत भांभू ने कहा कि केंद्र सरकार कंपनियों की कठपुतली बन चुकी है क्योंकि इलकटौरल बॉन्ड से गुप्त दान पार्टियों को मिलता है इसलिए वे काम भी उन्ही के लिए कर रही है। यह काले कानून इन्ही कंपनियों को सीधे-सीधे फायदा पहुंचाने के लिए ही बनाए हैं। इन कानूनों से किसान, छोटे व्यापारी और मजदूर सभी की दशा बिगड़ेगी। एक बार फिर देश अपनी खाद्य सुरक्षा के लिए इन कंपनियों पर गुलाम हो जाएगा।

इन सभाओं में सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम शुक्लावस ने भी भागीदारी करते हुए जनता से अपील की कि 18 जनवरी को होने वाले महिला किसान दिवस में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। यह क्षेत्र शुरू से ही धरने में सहयोग देता रहा है और आगे भी करता रहेगा।

किसान कठपुतली ने किया लोगों को आकर्षित

किसान कठपुतली लोगों को बहुत आकर्षित कर रही है। लोग इसे देखने के लिए उमड़ रहे हैं और बात भी सुन रहे हैं।

सरल भाषा में बांटे पर्चे

शुक्लावास, नारहेडा, कोटपुतली और बहरोड़ में वॉलंटियर्स के द्वारा पर्चे बांटे गए जिसमें सरल भाषा में तीनों कानून के बारे में समझाया गया है।
उल्लेखनीय है कि मजदूर किसान शक्ति संगठन एवं राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन द्वारा किसानों के समर्थन में यह किसान समर्थन ट्रेक्टर यात्रा 9 जनवरी को भीम से रवाना हुई थी और रास्ते में जगह-जगह जन संवाद करते हुए आज सातवें दिन शाहजहाँपुर बॉर्डर पहुंची है।

 

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