राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 95 किमी दूर स्थित देश की सबसे बड़ी खारे पानी की झील सांभर झील के आसपास इन दिनों मौत का तांडव चल रहा है. सांभर झील के आस-पास के कई किलोमीटर के एरिया में हजारों की संख्या में पक्षियों की लाशें बिछी पड़ी है।
झील के झपोक डैम और सांभर कस्बे से कुछ ही दूर दादूदयाल महाराज की छतरी के पास हजारों पक्षी मरे हुए पाए गए हैं. हैरानी की बात यह है कि पिछले दस दिनों से अब तक सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 16,500 पक्षियों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा 500 से अधिक पक्षियों को जिंदा रेस्क्यू किया गया है।
वहीं विडंबना यह है कि पक्षियों पर आई इस त्रासदी के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है, जबकि झपोक डैम के पास जहां सबसे ज्यादा पक्षी मरे पाए गए हैं वही पर्यटन विभाग कई बर्ड वॉच सेंटर बने हुए हैं।
पूरे मामले में सीएम अशोक गहलोत ने अब दखल दी है लेकिन पक्षियों के मरने के कारणों से अभी तक विभाग के सारे आला अधिकारी अनजान हैं।
मरे पक्षियों के सैंपल अब भेजे जाएंगे कोयंबटूर
सांभर झील में मरने वाले पक्षी देशी और विदेशी दोनों प्रजातियों के हैं. मौके का मुयाअना करने सलीम अली सेंटर फॉर आर्निथोलॉजी एंड नेचुरल हिस्ट्री के डॉ. मुरलीधरन सांभर झील में अपनी टीम के साथ पहुंचे. झील से मरे हुए पक्षियों के सैंपल कोयंबटूर भेजे गए हैं जिनकी रिपोर्ट आने में एक हफ्ता लग सकता है।
जयपुर के अलावा नागौर इलाके में भी यही हालात
सांभर झील नागौर और अजमेर जिलों से भी लगी हुई है, पहले पक्षियों की मौत जयपुर के आस-पास ही बताई जा रही थी लेकिन अब सामने आया है कि नागौर जिले के आस-पास भी पक्षी भारी संख्या में मरे हुए पाए गए हैं।