जयपुर : घरेलू हिंसा के खिलाफ पड़ोसी को अलर्ट करेगी निर्भया स्क्वाड, समझिए क्या है यह योजना


कोरोना महामारी मानवजाति के सामने एक ऐसा संकट है जिसमें पूरी दुनिया इस समय जूझ रही है। हर कोई इस संकट से उबर कर एक शांतिपूर्ण जीवन जीने को आतुर हैं। हमनें देखा है कि कोरोना के बाद सरकार और प्रशासनिक तंत्र की भूमिका व्यक्तिविशेष के जीवन में काफी बढ़ गई है ऐसे में इन दिनों प्रभावी पुलिसिंग हमारे जीवन में एक अहम रोल निभा रही है।

पुलिस प्रशासन ने पिछले कुछ महीनों के दौरान व्यक्तिगत तौर पर लोगों की जिंदगियों को पटरी पर लाने के हर संभव प्रयास किए हैं ऐसे में इन्हीं प्रयासों एक कड़ी निर्भया स्क्वाड की तरफ से चलाई गई ‘अलर्ट पड़ोसी पहल’ काफी अहम है।

किसी संकट में सबसे पहले काम आने वाले हमारे पड़ोसियों को उनकी क्षमता का एहसास करवाने और शहर में सतर्कता को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशानुसर निर्भया स्क्वाड अपनी ‘अलर्ट पड़ोसी पहल या सजग पड़ोसी योजना के जरिए लोगों तक पहुंचने की एक और कोशिश है।

क्या है निर्भया स्क्वॉड की अलर्ट पड़ोसी पहल ?

अतिरिक्त डीसीपी सुनीता मीणा की अगुवाई वाली निर्भया स्क्वॉड की इस पहल का मुख्य ध्यान बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों की सेवा करना मुख्य उद्देश्य है।

इस स्क्वाड की मदद से स्थानीय पुलिस स्टेशनों की मदद से हर बीट में शहर के दरवाजों को खटखटा रही है ताकि लोगों को पहल के बारे में जागरूक किया जा सके।

निर्भया स्क्वाड की अतिरिक्त डीसीपी मीणा का कहना है कि,  “आपका पड़ोसी महत्वपूर्ण है और यह संदेश लोगों को व्यक्तिगत रूप से मिलकर दिया जा रहा है। वहीं घरों में जाकर उनको पड़ोसी की सतर्कता का महत्व बताया जा रहा है।”

उन्होंने यह भी कहा कि, ‘‘लोगों को अपनी अनुपस्थिति में एक-दूसरे के घरों की देखभाल करनी चाहिए। किसी भी अवैध गतिविधि या आसपास में घूमने वाले सफेदपोश अपराधियों के बारे में पुलिस को सूचित करना चाहिए। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आपकी पहचान गोपनीय रखी जाए”।

वहीं अधिकारियों ने किरायेदारों और नौकरों के सत्यापन के बारे में भी महत्वपूर्ण विवरण साझा किए। लाइसेंस प्राप्त करने और हथियारों के नवीनीकरण की प्रक्रिया पर भी जोर दिया गया। लोगों को किसी भी घरेलू हिंसा की घटना के बारे में सूचित करने के लिए कहा जा रहा है क्योंकि निर्भया स्क्वाड की प्राथमिकता महिला और बाल सुरक्षा को दी गई है।

मीणा ने इसके अलावा बताया कि, “हम लोगों को अपने आसपास के घरों के मामले में सतर्क रहने के लिए प्रेरित करते हैं। हम उनसे कहते हैं कि अगर वे घरेलू हिंसा के किसी भी मामले को देखते हैं तो हमें सूचित करें ताकि मदद समय पर पहुंच सके”।

यह भी कहा कि, “हमारा उद्देश्य जनता और पुलिस को एक साथ लाना है। इस अभियान के पहले ड्राइव में लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जा रहा है और इसके बाद एक दूसरे और तीसरे ड्राइव का आयोजन किया जाएगा, जिसमें इस तरह के मामलों के प्रति थोड़ी सख्ती दिखाई देगी”।

गौरतलब है कि अभियान के शुरुआती दौर में दस्ते की तरफ से अभी तक लगभग 200-250 मामलों को हल किया गया है और अब सभी कामों के दस्तावेज बनाने की योजना बनाई जा रही है।

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