कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया भर में स्वास्थ्य प्रणाली की कलई खोल कर रख दी और ढ़ांचागत सुविधाओं को पंगु बना दिया, कोरोना के संकट से हर देश अपने स्तर पर लड़ाई लड़ रहा है और अपनी आबादी को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
कोरोना के बाद कई संस्थाओं के किए गए सर्वे में यह सामने आया है कि वैश्विक स्तर पर हम कई अन्य शक्तिशाली राष्ट्रों की तुलना में स्वास्थ्य प्रणाली में बहुत पीछे हैं और देश में स्वास्थ्य बुनियादी प्रणाली की बेहतरी के लिए काम करने के लिए कोरोनॉयरस एक चेतावनी के रूप में हमारे सामने है।
वहीं अगर हम राजस्थान की बात करें तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में कोरोना के शुरूआती दिनों से ही स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए सरकार ने कई मानक तय किए हैं। सुनियोजित भीलवाड़ा मॉडल, बीकानेर की 3-लेयर सम्मिलन कार्यनीति और अन्य मॉडल की सफलता प्रदेश की जनता के सामने है।
अब, मुख्यमंत्री की पहल निरोगी राजस्थान अभियान के बाद राजस्थान के कुल जिलों में लगभग आधे जिले में मरीजों कि संख्या 80 फीसदी से अधिक की दर से रिकवर कर चुके हैं और उनमें से पाँच जिले ऐसे हैं जहां मरीज 90 फीसदी से अधिक की दर से रिकवर हुए हैं।
अगर हम जिलेवार बात करें तो चुरू 90.2 फीसदी, जालौर 96.3%, झुंझनू 91.4%, पाली 91.2% और सिरोही 90.6% यह ऐसे पांच जिले हैं जो पूर्ण रिकवरी की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं।
वहीं 80% से अधिक रिकवरी दर वाले जिलों में अजमेर 84.6%, बाड़मेर 84.4%, भरतपुर 85.3%, दौसा 86.7%, डूंगरपुर 86.5%, जैसलमेर 85%, झालावाड़ 86.6%, नागौर 86.2%, राजसमंद 86.2%, टोंक 81.3%, उदयपुर 80.1% शामिल है।
इस पूरे विकासक्रम के बारे में सूबे के , स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा बताते हैं कि, “राजस्थान लॉकडाउन लागू करने वाला पहला राज्य था और शुरुआत में सख्ती ने वायरस के प्रसार को रोकने में मदद की।
महामारी से लड़ने के लिए समाज के हर वर्ग को साथ लाना शुरू से ही हमारी योजना रही है। धर्मगुरू, डॉक्टरों, अन्य लोगों के बीच शिक्षकगण ने जागरूकता फैलाने के लिए एक साथ आए और निश्चित रूप से लोगों को जोखिम के बारे में जागरूक किया।
वह आगे जोड़ते हैं कि, राजस्थान के लोगों का समर्थन अपार है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम इस अज्ञात दुश्मन से एक साथ लड़ने की दिशा में काम करें।
वहीं चिकित्सा और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव अखिल अरोड़ा कहते हैं कि, राजस्थान सरकार की टीमें घर-घर पहुंच रही हैं और स्वास्थ्य सर्वे कर रही हैं। हमारे स्वास्थ्य अधिकारी जीवन बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
वह आगे जोड़ते हैं कि सुशासन, प्रशासन के प्रयास, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और पुलिस अधिकारी राज्य के कई जिलों में अच्छा काम कर रहे हैं। साथ में यह भी कहा कि, “कई मामलों में स्पाइक हमारी टेस्टिंग बढ़ने का ही नतीजा है। वर्तमान में सरकार की 45,000 से अधिक आरटी-पीसीआर टेस्ट करने की क्षमता है। राज्य में कोरोना से रिकवरी का आंकड़ा फिलहाल 76.53% है।
(प्रेस रिलीज के इनपुट के साथ)