राजस्थान में मुस्लिम समुदाय का प्रशासनिक सेवाओं में योगदान!

राजस्थान केडर मे पदस्थापित 253 भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों में सिर्फ 5 मुस्लिम अधिकारी हैं यह तादाद ऊंट के मुहं मे जीरा समान है।

राजस्थान में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की तैनाती मे मुस्लिम अधिकारियों की सहभागिता हमेशा से ऊंट के मुहं मे जीरा समान ही रहती आई है। जिसमे सीधे तौर पर भारतीय सिविल सेवा परीक्षा मे चयनित होकर आने वाले प्रशासनिक अधिकारियों की संख्या तो केवल चार ही है।

भारतीय सिविल सेवा परीक्षा मे चयनीत होकर सीधे तौर पर राजस्थान केडर मे आने वाले आईएएस अधिकारियों मे सबसे पहले 1975-76 मे यूपी के गाजीपुर के रहने वाले सलाऊद्दीन अहमद आते हैं जो बाद मे राजस्थान के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुये। सलाऊद्दीन अहमद आने के काफी अरसा गुजर जाने के बाद कशमीर के रहने वाले कमरुलजमा चोधरी और अतहर आमिर आईएएस अधिकारी राजस्थान आये। इनके बाद 2018 मे केरल के रहने वाले मुहम्मद जुनैद पीपी बतौर आईएएस राजस्थान मे आये है। मुहम्मद जुनैद पीपी की अभी मसूरी मे ट्रेनिंग चल रही है।

इनके अलावा वर्तमान समय में राजस्थान प्रशासनिक सेवा व अन्य सेवा से तरक्की पाकर भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुये उमरदीन खान व जाकिर हुसैन भी राजस्थान में कार्यरत है। जाकिर हुसैन हनुमानगढ़ में जिला कलेक्टर पद पर पदस्थापित है।

देशी रियासतो के विलय के बाद बने राजस्थान प्रदेश में छ मुस्लिम अधिकारी भी आगे चलकर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बनकर विभिन्न जगह जिला कलेक्टर रहे। जिनमे बूंदी रियासत से आये अलाऊद्दीन खिलजी प्रमुख थे। ख़िलजी कई जिलों में जिला कलेक्टर के पद पर पदस्थापित रहे। रियासतो से आये छ अधिकारियों के अलावा ऐ.आर खान, एम.एस खान, शफी मोहम्मद ,अशफाक हुसैन व मोहम्मद हनीफ खान भी राजस्थान प्रशासनिक व अन्य सेवा से तरक्की पाकर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बन चुके है। जिनमे ऐ.आर खान, एम.एस खान व अशफाक हुसैन जिला कलेक्टर पद पर भी पदस्थापित रह कर सेवानिवृत्त हो चुके है। इनमे शफी मोहम्मद राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहते प्रतापगढ़ के जिला कलेक्टर रहे है। जबकि उनकी भारतीय प्रशासनिक सेवा मे तरक्की बाद मे हुई।

पिछले कुछ सालों में राजस्थान के कुछ मुस्लिम युवा भारतीय सिविल सेवा परीक्षा पास करके भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जरुर बने है। लेकिन उन्हे राजस्थान केडर नही मिल पाया। वंही पिछले एक दशक में कमरुलजमा चोधरी, अतहर आमीर व मुहम्मद जुनैद पीपी का भारतीय प्रशासनिक सेवा मे चयनित होने के बाद भी उन्हें राजस्थान केडर मिला हुवा है।

अशफ़ाक़ कायमखानी

(लेखक राजनीतिक विश्लेषक है,विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में इनके लेख छपते रहते हैं)

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