क्यों अशोक गहलोत को किया गया राष्ट्रीय महासचिव से पदमुक्त!

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राजस्थान की राजनीति मे फ्री हेंड मिलने के संकेत

राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव अशोक गहलोत को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने के बाद चल रही अनेक तरह की सभी अफवाहों व आशंकाओं को विराम देते हुये उन्हें आज संगठन महासचिव के पद से अलग करने से राजनीति मे साफ संकेत मिल गया है कि अब हाईकमान उन्हें पुरे पांच साल फ्रीहैंड देकर दिल्ली की राजनीति के बजाय मुख्यमंत्री बनाये रखने का तय कर लिया है।

अशोक गहलोत को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाने मे सोनिया गांधी व राहुल गांधी के अलावा प्रमुख भूमिका निभाने वाली प्रियंका गांधी के राष्ट्रीय महामंत्री बन कर कांग्रेस की राजनीति मे सीधे तौर पर आने से कांग्रेस के साथ साथ गहलोत को भी मजबूती मिलना माना जा रहा है।

दिल्ली मे कांग्रेस की राजनीति मे घटे घटनाक्रम के बाद अब साफ लगने लगा है कि आगामी लोकसभा चुनावों मे प्रदेश की पच्चीस लोकसभा सीटो पर उम्मीदवार चयन करके चुनाव लड़ने व मंत्रीमंडल विस्तार एवं आवश्यकता अनुसार बदलाव करने के अतिरिक्त बोर्ड-निगम गठित करने मे अशोक गहलोत को हाईकमान से फ्रीहैंड मिलना माना जा रहा है।

राजस्थान के तीसरी दफा मुख्यमंत्री बनने वाले अशोक गहलोत को इससे पहले दो दफा के मुख्यमंत्री कार्यकाल मे उतना फ्रीहैंड नही मिल पाया था। जिस फ्रीहैंड की अशोक गहलोत को दरकार थी। लेकिन अबकी दफा शुरुआत मे ही आज के बाद उन्हें फ्रीहैंड मिलता साफ नजर आयेगा। ताकि गहलोत अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं पर पूरी तरह अमल करते हुये जनता से वाह वाही लूटकर कांग्रेस पार्टी को मजबूती देते हुये दिल्ली मे कांग्रेस की सरकार बनाने मे अहम किरदार निभा सके।

-।अशफाक कायमखानी।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक है)

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