धौलपुर : मुख्यमंत्री ने दिए एसपी को हटाने के निर्देश दोषियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार शाम को सवाई मानसिंह अस्पताल के पॉलीट्रोमा आईसीयू में भर्ती धौलपुर में बिजली निगम के सहायक अभियंता हर्षदापति की कुशलक्षेम पूछी एवं चिकित्सकों से उनके स्वास्थ्य एवं उपचार के बारे में जानकारी ली।

मंगलवार को धौलपुर के बिजली निगम कार्यालय में आकर कुछ लोगों ने सहायक अभियंता के साथ मारपीट की थी। मारपीट करने के आरोप में सत्ताधारी दल के एक विधायक के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है।

मुख्यमंत्री गहलोत ने अस्पताल में भर्ती सहायक अभियंता के परिजनों से भी मुलाकात की और उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार प्रकरण में निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि धौलपुर में बिजली निगम के कार्मिकों के साथ हुई मारपीट की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसमें किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। राज्य सरकार हर हाल में घटना के पीड़ितों को न्याय दिलाना सुनिश्चित करेगी।

इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा, विधायक रफीक खान, एसएमएस कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ सुधीर भंडारी एवं अन्य चिकित्सक उपस्थित थे।

बुधवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में धौलपुर में बिजली विभाग के कार्मिकों के साथ हुई मारपीट के प्रकरण में मुख्यमंत्री ने धौलपुर के पुलिस अधीक्षक शिवराज मीणा को हटाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, पुलिस के उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मामले में दोषियों की अतिशीघ्र पहचान कर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। कर्तव्य निर्वहन कर रहे राजकीय कार्मिकों के साथ इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कोविड के दौरान बिजली जैसी अत्यावश्यक सेवा से जुड़े राजकीय कर्मचारियों ने अपना जीवन दांव पर लगाकर प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऐसे कार्मिकों के साथ मारपीट कर कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार किसी को भी नहीं है।

उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति जैसी अत्यावश्यक सेवा से जुड़े कार्मिकों का दायित्व अत्यधिक चुनौतीपूर्ण है। राज्य सरकार अपने कर्मठ अधिकारियों-कर्मचारियों को पूरा संरक्षण देगी। ऐसी घटनाओं के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

बैठक में पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने बताया कि प्रकरण में लापरवाही बरतने एवं त्वरित कार्रवाई नहीं करने पर बाड़ी के एसएचओ एवं वृत्ताधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।

बैठक में गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र यादव, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह अभय कुमार, पुलिस महानिदेशक इंटेलीजेंस उमेश मिश्र सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि प्रकरण में पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने एवं उचित कार्रवाई की मांग को लेकर वाल्मिकी समाज के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार शाम को मुख्यमंत्री गहलोत से मुख्यमंत्री निवास पर मुलाकात की थी।

मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि मामले में कानून के तहत हर संभव कार्रवाई कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।

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