प्राइवेट वाहन वाले टोल देने में सक्षम हैं इसलिए बेवजह हो-हल्ला ना करें : अशोक गहलोत


राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर दिल्ली में थे जहां उन्होंने जोधपुर हाउस में पत्रकारों से बात की और मॉब लिचिंग, सतीश पूनियां और स्टेट हाइवे पर टोल लागू करने जैसे कई मुद्दों पर खुलकर बोले।

पहलू खान के बाद देश में बढ़ी मॉब लिचिंग की घटनाएं

अपनी बात की शुरूआत करते हुए गहलोत बोले कि पहलू खान मामले में हाल में आया राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला जिसमें कोर्ट ने पहलू और उसके दोनों बेटे के खिलाफ गौ तस्करी का मुकदमा खारिज किया है उसने पिछली सरकार की पोल खोल दी है।

आगे बोलते हुए गहलोत बोले कि राजस्थान सरकार का यह कर्तव्य है कि पहलू खान के परिवार को न्याय मिले, हमनें जिला कोर्ट से बरी हुए आरोपियों के खिलाफ SIT बैठाई और उसकी रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट में केस लड़ रहे हैं।

गृह मंत्रालय ने रोक रखा है राजस्थान मॉब लिचिंग कानून

कुछ दिनों पहले राजस्थान सरकार ने मॉब लिचिंग पर कानून पारित किया, जिस पर गहलोत बोले कि लिचिंग पर राजस्थान देश का दूसरा राज्य बना जिसने कानून बनाया लेकिन मोदी सरकार ने अभी तक कानून को राष्ट्रपति के पास नहीं भेजा है, कानून अभी भी गृह मंत्रालय में लटका है।

स्टेट हाइवे पर टोल बंद करना था चुनावी हथकंडा

गहलोत ने कहा कि 31 अक्टूबर की रात से टोल फिर से लागू कर दिया जाएगा। पिछली सरकार पर तंज कसते हुए गहलोत बोले कि टोल हटाना वसुंधरा सरकार का चुनावी जुमला था, जिसे सिर्फ चुनाव जीतने के हथकंडे के तौर पर इस्तेमाल किया गया।

टोल पर आगे बोलते हुए गहलोत बोले कि प्राइवेट कार चालकों के टोल माफ करने की क्या वजह होनी चाहिए? बात सिर्फ सरकारी खजाने की नहीं है बात इन सड़कों की है जो 15-20 साल के लिए ठेके पर दी हुई है। राजस्थान सरकार पर किसी भी तरह का वित्तीय भार ना पड़े इसको देखते हुए हमनें यह कदम उठाया है।

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