अशोक गहलोत बार बार दिल्ली जा रहें हैं,क्या मुख्यमंत्री की कुर्सी ख़तरे में है?

लोकसभा चुनावों मे करारी हार के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पद पर बने रहने में आये संकट से निकलने के लिये उनका राजस्थान से अधिक समय दिल्ली की राजनीति में गोटियां फिट करने मे गुजर रहा है।

माना जा रहा है कि 15-जून को दिल्ली मे आयोजित होने वाली निती आयोग की बैठक मे गहलोत के भाग लेने की सम्भावना के बावजूद एक दिन पहले दिल्ली पहुंचने को राजनीतिक गलियारों मे गोटीया फिट करने की कोशिश करार दे रहे है।


लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद दिल्ली मे सीडब्ल्यूसी की बैठक मे राहुल गांधी द्वारा गहलोत, कमलनाथ व चिदम्बरम का नाम लेकर उनके बेटों के लोकसभा चुनाव लड़ने को टारगेट कर पुत्रमोह को लेकर बोले बोल और उसी बैठक मे प्रियंका गांधी द्वारा कांग्रेस के हत्यारों का बैठक मे मोजूद होने की बात बोलने के बाद पार्टी में मोजूद गहलोत विरोधी नेताओं के गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटवाने के लिये विभिन्न तरह के दबाव बनाने की बात सामने आने लगी है।


मुख्यमंत्री गहलोत के 14 और 15 जून को दिल्ली में कांग्रेस के नेताओं से मिलने के अलावा निती आयोग की कल होने वाली बैठक मे भाग लेने की सम्भावना जताई जा रही है।

राहुल गांधी के त्याग पत्र प्रकरण के निपटने से पहले राजस्थान मे राजनीतिक व सवेधानिक पदो पर मनोनयन होना काफी मुश्किल माने जाने के बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कुछ आवश्यक नियुक्तियों पर कांग्रेस हाईकमान से मंजूरी लेने की फिराक मे भी बताते है।

देखते है कि मुख्यमंत्री के बार बार हो रहे दिल्ली दौरो से क्या परिणाम निकल कर सामने आते हैं।

-अशफ़ाक़ कायमखानी

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