अलवर की जिन्नी और प्रियंका बनी मानवता की मिसाल, अपने खर्चे पर सिलकर बांट रही है मास्क


कोविड-19 यानि कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया के जनजीवन को हिला कर रख दिया है, 23 मार्च से हुए देशव्यापी लॉक डाउन के बाद हर कोई अपने घर की चारदीवारी में कैद है. लॉकडाउन के बाद कई तस्वीरें सामने आई जहां कुछ लोगों को दो वक्त का खाना नसीब नहीं हो रहा वहीं दूसरी तरफ इस संकट की घड़ी में समाज के हर तबके से लोग अपने स्तर पर सेवाभाव दिखा रहे हैं। युवा, बूढ़े सभी अपने हिसाब से प्रशासन का हर संभव सहयोग कर रहे हैं।

ऐसी ही एक तस्वीर राजस्थान के अलवर से देखने को मिली जहां दो लड़कियों ने मानवता और सामाजिक जिम्मेदारी की अनूठी मिसाल पेश की है।

किशनगढ़बास तहसील की जिन्नी अपने खर्चे पर बना रही मास्क

जिन्नी अलवर जिले की किशनगढ़बास तहसील के ग्राम पंचायत चिकानी में काम करती है, वह अपने घर पर सिलाई मशीन लगाकर खुद मास्क बनाती है और जरूरतमंद घरों में जाकर फ्री में खुद बांटती है।

जिन्नी कहती है कि आज हम जिस दौर में है उसमें जरूरतमंद लोगों की सेवा करने से बड़ा कोई पुण्य नहीं है। आगे वह कहती हैं कि “मैंने देखा कि गांव के लोगों को मास्क नहीं मिल रहे या वो बहुत महंगे हैं तब जाकर मैंने यह फैसला किया।”

जिन्नी रात भर बैठकर मास्क बनाती है फिर अगले दिन गांव में घर-घर जाकर मास्क बांटने का काम करती है, इसके अलावा वो लोगों को कोरोना वायरस संबंधी जानकारी भी देती है।

फैशन डिजाइनिंग में डिप्लोमा प्रियंका बखूबी निभा रही है सामाजिक जिम्मेदारी

अलवर के ही अजबपुरा ग्राम पंचायत की रहने वाली प्रियंका नरुका जिन्होंने ने फैशन डिजाइनिंग में डिप्लोमा कर रखा है वो गांव के लोगों को खुद सिलकर घर-घर जाकर मास्क बांटने का काम कर रही है।

प्रियंका कहती हैं कि, मास्क बहुत महंगे मिल रहे हैं और इसकी हम सभी को जरूरत भी है इसलिए मैंने पापा की मदद से इस काम को शुरू किया। प्रियंका के परिवार के सदस्य भी उनका सहयोग करते हैं।

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